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Wednesday, September 7, 2011

Tilak Raj Relan on Orkut- seconds ago - Friends...
 
rahul proud to be a son of  rajiv beep..........
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल!

Saturday, September 3, 2011

आज का सत्य व धर्म युद्ध !

हम उधर हाथ बढ़ाते हैं,
जिसे पाना सरल हो,
फिर चाहे वो गरल हो,
हमारी आकांक्षा रहती है
वही पाने की,
जिसे पाना सरल नहीं होता;
क्योंकि जो सहज सुलभ होता है
वह विनीत होता है;
वह आकांक्षा नहीं जगाता,
विनय को कौन सुनता है
शक्ति की सदा पूजा होती है,
चाहे वो शक्ति सत्ता की हो,
भुज बल, धन बल अथवा हो जन बल की,
जब सत्ता निरंकुश हो जाये अधर्म कहलाता है,
उस पर अंकुश धर्म,
सत्ता उस अंकुश को माने तो धर्म सत्ता,
न माने तो
धर्म व न्याय की रक्षा में होता है
धर्म युद्ध.
- तिलक, संपादक युग दर्पण 9911111611
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल!