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Monday, August 29, 2022

Union Minister of State Rajeev Chandra Shekhar on Release of Report on Globalise to Localise.
(Courtesy PIB.)

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*युदस नदि 29 अग2022:* (Courtesy PIB.) Press Conference Union Minister of State Rajeev Chandrashekhar on Release of Report on Globalise to Localise. Exporting at scale and deepening the ecosystem are vital to higher domestic value addition in electronics." by Rajeev Chandrashekhar Union Minister of State for Electronic and IT, Skill development and Entrepreneurship on the Press Conference.
*वैश्विक से स्थानीय एक रपट:* मात्रा में निर्यात और पारिस्थितिकी तंत्र, की हमारे इलैक्ट्रिक क्षेत्र के उच्च घरेलू स्तर वृद्धि में प्रमुख भूमिका है, मंत्री ने कहा। इलैक्ट्रिक सूप्रो, उद्यमिता विकास एवं क्रियान्वयन में कैंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, पत्रकारों से बात करते हुए।
यह वीडियो आपको सीधे प्रसारण उपलब्ध करा रहे हैं अधीकृत वीडियो समाचार की श्रृंखला YDMS👑 के माध्यम। हमारी श्रृंखला के विविध विषयों के यूट्यूब चैनल *▶DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण* की विविध विषयों की प्ले सूची *👉1/324, अर्थ💰 उद्योग 🏭श्रम दर्पण👈* ऐसे सक्रिय अधीकृत समाचार निरंतर पाने हेतु चैनल सब्सक्राइब करें एवं सर्व प्रादेशिक यूट्यूब चैनल *▶CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण* तथा दोनों की घंटी का बटन दबाएं।
- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार,
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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

BJP National President JP Nadda, addresses a press conference in Agartala, Tripura. BJP NQ.

<b>BJP National President JP Nadda, addresses a press conference in Agartala, Tripura. BJP NQ.</b>

<b>*1/78, पूर्वोत्तर क्षेत्र 👑दर्पण YDMS* 
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<b>*युदस नदि/agtl 29 अग2022:*</b> BJP National President JP Nadda, addresses a press conference in Agartala, Tripura. BJP NQ.  
अगरतला (त्रिपुरा) से प्राप्त वीडियो में आप देख रहे हैं, कुछ ही देर पूर्व, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेम को संबोधित करते हुए। आपको सीधे प्रसारण उपलब्ध करा रहे हैं अधीकृत वीडियो समाचार की श्रृंखला YDMS👑 के माध्यम। हमारी श्रृंखला के सर्व प्रादेशिक यूट्यूब चैनल *▶CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण* की पूर्वोत्तर राज्यों की प्ले सूची *1/78, पूर्वोत्तर क्षेत्र 👑दर्पण YDMS* ऐसे सक्रिय अधीकृत समाचार निरंतर पाने हेतु चैनल सब्सक्राइब करें एवं सभी विविध विषयों हेतु *▶DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण* तथा दोनों की घंटी का बटन दबाएं। 
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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

अमरपुर (त्रिपुरा) स्थित शांति धाम में शांति काली मंदिर का लोकार्पण समारोह (साभार: रास्वसं)

*2/78, पूर्वोत्तर क्षेत्र दर्पण YDMS*
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*युदस नदि 28 अग2022:* अमरपुर (त्रिपुरा) स्थित शांति धाम में शांति काली मंदिर का लोकार्पण समारोह (साभार: रास्वसं)
इस कार्यक्रम में पूजनीय सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत जी उपस्थित रहे। आपको सीधे प्रसारण उपलब्ध करा रहे हैं अधीकृत वीडियो समाचार की श्रृंखला YDMS के माध्यम। हमारी श्रृंखला के सर्व प्रादेशिक यूट्यूब चैनल *CD-Live YDMS चयनदर्पण* की पूर्वोत्तर राज्यों की प्ले सूची *2/78, पूर्वोत्तर क्षेत्र दर्पण YDMS* ऐसे सक्रिय अधीकृत समाचार निरंतर पाने हेतु चैनल सब्सक्राइब करें एवं सभी विविध विषयों हेतु *DD-Live YDMS दूरदर्पण* तथा दोनों की घंटी का बटन दबाएं।
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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Monday, April 25, 2022

Why Punjabi is excluded from J&K’s official languages’ list is again a JUMLA-ISM by – AAP

Why Punjabi is excluded from J&K’s official languages’ list

 is again a JUMLA-ISM by – AAP  

yds Jammu, 24 April 2022: In a Thief Cry, Jumla-ism Press Brief of APP by D S Ranotra Aam Aadmi Party leader raises the issue against language bill passed in September 2020 by BJP led government. Aam Aadmi Party leader said that the new law makes provisions only to cheer the Punjabi language, along with Gurjari and Pahari, not include it in J&K’s list of official languages.

D S Ranotra also said that Exclusion of Punjabi from J&K languages bill ‘anti-minority’ move while briefing he flayed the Centre over the exclusion of Punjabi from the Jammu and Kashmir Official Languages Bill, describing the move as “anti-minority”.

 

AAP leader again added that 20,000 CR Schemes announced for the people of Jammu & Kashmir is actually for the BJP team of Jammu and Kashmir. He said it’s just a JUMLA-ISM of Modi.

He also said that Punjabi was a part and parcel of the constitution of Jammu and Kashmir before the abrogation of Article 370 provisions. “Punjabi was a recognized language duly certified by the Constitution of Jammu and Kashmir.” The AAP leader said the move had “badly bruised the sentiments of the minorities, more so those belonging to the Sikh community”. He added that Punjabi was a popular language in Jammu and Kashmir spoken by lakhs of people.

In a statement D S Ranotra condemned the alleged neglect of Punjabi language in the state. It claimed that first it was made a non-compulsory subject/language and then all efforts were made by the successive governments for extinction of Punjabi language.

“Punjabi language has been given the recognition and guarantee under Article 146, Schedule VI of the J&K Constitution. Thus it becomes obligatory on the part of the J&K Government to make all efforts for the promotion of Punjabi language in addition to other regional languages,” a statement said.  https://mail.google.com/mail/u/0?ui=2&ik=ca69eb8d89&attid=0.1&permmsgid=msg-f:1730995787374367793&th=1805bb7f56259431&view=att&disp=safe&realattid=f_l2dbdn4m0 

-- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, 

-युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑

  देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Sunday, April 17, 2022

'विदेशमंत्री एस जयशंकर ने मानवाधिकार पर अमरीका को दिखाया दर्पण, 'त्वरित हुआ विख्यात।'

<b>'विदेशमंत्री एस जयशंकर ने मानवाधिकार पर अमरीका को दिखाया दर्पण, 'त्वरित हुआ विख्यात।'</b>
*1/285, विश्व, राष्ट्रनीति, संविधान और वैश्विक👑 सम्बन्ध:* 
*▶CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण* 
*युदस नदि 16 अप्रैल 2022:* वीके कृष्‍ण मेनन ने जो घंटों में कहा, मैं 6 मिनट में बोल सकता हूं'। 
भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर अमेरिका ने टिप्‍पणी की तो सटीक उत्तर तुरंत मिल गया। जब अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारतीय मंत्रियों के सामने मानवाधिकार का विषय उठाया तो विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका की मानवाधिकार स्थिति पर ध्यान दिलाया। जयशंकर का उत्तर सोशल मीडिया पर वायरल है। जयशंकर ने भारत पर प्रश्न उठाने वाले समूहों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है। यह प्रथम बार नहीं, जब जयशंकर ने अपने स्पष्टवादिता से प्रशंसा पाई हो। वह पहले भी अपनी कटु सत्य बात कहने के लिए जाने जाते हैं। और ख्याति पाते हैं। 
इस बार से लाखों हो गए जयशंकर के प्रशंसक। 
कांग्रेस शासन में जिसे सम्मान मिला नहीं, अब मोदी शासन में उसे ब्याज सहित मिल रहा है। 
- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार,  
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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Sunday, March 13, 2022

*👉11वा खेल महाकुंभ, उद्घाटन गुजरात में मोदी👈*

,<b>*<b>👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 
*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-</b> </b> 
नमस्कार! भारत माता की जय! 
अपने भाषण में मोदी ने,
गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा-

मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है। 

मोदी ने कह,

मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 
‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 

नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।

मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। https://t.me/ydms_oll अभी है-,<b>*<b>👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 
*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-</b> </b> 
नमस्कार! भारत माता की जय! 
अपने भाषण में मोदी ने,
गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा-

मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है। 

मोदी ने कह,

मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 
‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 

नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।

मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। https://t.me/ydms_oll अभी है- 
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Wednesday, July 28, 2021

 *संसद में 5 नए बिल प्रस्तुत, चर्चा👀*

👉🌟संसद/सरकार दर्पण👈 प्ले सूची 174-78,
🔑DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण®
*युदस नदि 28 जुलाई 21:* संसद में चर्चा हेतु 5 नए बिल प्रस्तुत,👀 प्ले सूची 174-178/178, संसद/सरकार दर्पण।
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Tuesday, July 27, 2021

महिला मोर्चा द्वारा केन्द्रीय मंत्री (महिला) सम्मान समारोह

Felicitation of *Women Union Ministers ceremonised at BJP HQ
🌟PL 35/35, भाजपा संगठन YDMS👑
CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण
*युदस नदि 27 जुलाई 21:* कार्यक्रम सीधे (live) प्रसारण देख सकते हैं।
Felicitation ceremony of *Women Union Ministers organised by BJP Mahila Morcha is being held in presence of BJP National President* Shri J.P. Nadda now at BJP HQ, 6A DDU Marg, N.D.
वन्देमातरम् के पश्चात् वानथी श्रीनिवासनी अध्यक्षा महिला मोर्चा द्वारा सम्मान समारोह
केन्द्रीय मंत्री (महिला)
1) निर्मला सीतारमण,
2) स्मृति ईरानी,
3) रेणुका सिंह सरुता :
4) मीनाक्षी लेखी :
5) दर्शना विक्रम जरदोश :
6) शोभा करंदलाजे :
7) साध्वी निरंजन ज्योति :
😎 अन्नपूर्णा देवी :
9) प्रतिमा भौमिक :
10) डॉ. भारती प्रवीण पवार :
11) अनुप्रिया सिंह पटेल :
-युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑

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Friday, July 23, 2021

#Cheer4India टोक्यो ओलंपिक 2020

#Cheer4India टोक्यो
ओलंपिक
2020
विवरण : 23 जुलाई 2021 से टोक्यो
ओलंपिक
्स 2020 (Tokyo
Olympics
2020) आरम्भ हो गए हैं। 👉कोरोना-19 महामारी के चलते इस बार के
ओलंपिक
खेल बहुत ही विशेष होने वाले हैं। इन
ओलंपिक
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Tuesday, February 2, 2016

उप्र, मप्र, ओड़िशा, कर्नाटक में किसान संबोधित करेंगे मोदी

उप्र, मप्र, ओड़िशा, कर्नाटक में किसान संबोधित करेंगे मोदी  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की किसान संबंधित पहलों को रेखांकित करने हेतु 18 फरवरी से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, ओड़िशा और मध्य प्रदेश में किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे। भाजपा महासचिव अरूण सिंह ने कहा कि विभिन्न किसान संगठन, सरकार द्वारा आरम्भ की गयी पहलों को लेकर प्रधानमंत्री को उन कार्यक्रमों में सम्मानित भी करेंगे। 

उन्होंने कहा कि ऐसी पहली किसान सभा 18 फरवरी को मध्य प्रदेश में होगी जबकि दूसरी सभा 21 फरवरी को ओड़िशा में होगी। कर्नाटक में सभा 27 फरवरी को होगी। अंतिम किसान सम्मेलन उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जाएगा जहां आगामी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी यह निर्धारित नहीं किया है कि इन सम्मेलनों का आयोजन कहां कहां किया जाएगा। 

देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक
http://deshkimitti.blogspot.in/2016/02/blog-post_2.html 

खाप पंचायतें अनुभवी सामाजिक सलाहकार- खट्टर

खाप पंचायतें अनुभवी सामाजिक सलाहकार- खट्टर 
तिलक 
31 जन 16 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खाप पंचायतों को समाज के लिए अति उपयोगी बताते कहा कि इनके बारे में गलत धारणा बनाना उचित नहीं है। इन पंचायतों की अपनी एक स्वतन्त्र व बड़ी शक्ति है। इन्होंने समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोलकाता में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खाप पंचायतों के गठन में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। इनका गठन उन क्षेत्रों में लोग करते हैं जहां ये पंचायतें सक्रिय रहती हैं। खाप पंचायतें गत प्राय: 800 वर्षों से हैं और समाज निर्माण में महती भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि खाप पंचायतों के निर्णय सामाजिक जीवन की शैली और परंपरागत रीति नीति को बनाये और बचाये रखने में प्रभावी रहें है। एक या दो गलतियों या निर्णय के मामलों में चूक से तो न्यायालय भी घेरे में आते है। 
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक
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Saturday, January 16, 2016

सैन्यकर्मी जाल में न फंसें, इसलिए सतर्कता: पर्रिकर

सैन्यकर्मी जाल में न फंसें, इसलिए सतर्कता: पर्रिकर 
तिलक  
16 जन 16  
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी को जाल में फंसाए जाने के मामले की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां बरती जा रही हैं और ये मामले अभी निचले स्तर तक ही सीमित हैं। पर्रिकर ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा, ''मुझे नहीं लगता कि ऐसी चीजें (जासूसी) उच्च स्तर पर होती हैं। कुछ चीजें सामने आई हैं, किन्तु वे निचले स्तर पर हैं और हमने उन्हें रोकने के लिए सभी सावधानियां बरती हैं।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सतर्क होते हैं तो लोभ देकर जाल में फंसने जैसी चीजें सामान्यत: नहीं हो पाती। हमें सदा सतर्क रहना चाहिए। हम भर्ती और प्रशिक्षण के समय इसका ध्यान रखते हैं। जवानों के सोशल नेटवर्किंग साइटों का उपयोग करने को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश एवं आचार संहिता है।’’ हाल में भारतीय वायुसेना के 30 वर्षीय एक अधिकारी रंजीत के.के. को, एक संदिग्ध जासूस को आधिकारिक सूचनाएं कथित रूप से देने के मामले में बंदी बना और सेवा से निलम्बित किया गया है। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अनुसार अधिकारी ने फेसबुक पर स्वयं को पत्रकार बताने वाली संदिग्ध जासूस दामिनी मैक्नॉट के बिछाए मधुपाश में फंस कर यह जानकारी साझा की। 
पर्रिकर ने सेना की भर्ती रैली के उद्घाटन के अवसर पर अंबेर के निकट के.औ.सु. बल (सीआईएसएफ) मैदान में वहां रैली को हरी झंडी देने से पूर्व प्रत्याशियों के साथ बातचीत के समय कही। बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने इस खुली रैली में भाग लिया, जिसके लिए 'ऑनलाइन' पंजीकरण किए गए थे। उन्होंने कहा, ''हमने भर्ती रैली के लिए 'ऑनलाइन' आवेदन की प्रक्रिया शुरू की। इस बात की आशंका थी कि प्रत्याशियों की संख्या गिर सकती है, किन्तु इसके विपरीत यह संख्या बढ गई है।’’ पर्रिकर ने कहा, ''भारतीय युवा देशभक्त हैं और वह राष्ट्रवादी सोच रखते हैं और इसीलिए वह सेना में भर्ती होना चाहते हैं।’’ इस अवसर पर केंद्रीय राज्य सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल |-तिलक संपादक

Wednesday, January 13, 2016

शर्मनिरपेक्षों को शर्म कब आएगी?

शर्मनिरपेक्षों को शर्म कब आएगी? 
वन्देमातरम, 
2002 से मोदी विरोधी हुए ओबामा सहित विश्व नेता, मोदी का दूसरा स्वरूप देख व समझ पा रहे हैं। विश्व में मोदी तथा भारत के प्रति सोच बदल रही है, सम्मान बड़ रहा है। किन्तु यहाँ; देश का शर्मनिरपेक्ष विपक्ष और बिकाऊ शर्मनिरपेक्ष मीडिया का दुष्प्रचार, भ्रम के आवरण से, जनता की आँखों तक सत्य पहुँचने नहीं दे रहा। 
ऐसे में जन जन तक सत्य पहुँचाने में आपके समर्थन का साथ, बिकाऊ नकारात्मक  मीडिया के सकारात्मक सार्थक राष्ट्रवादी विकल्प 'युदमीस' YDMS को सशक्त बनाएगा। जो 2001 से युगदर्पण का पौध 2010 -15 के बीच सोशल मीडिया से जुड़ 30 विविध विषयों के ब्लॉग, फेबु पर 10 समूह 10 पेज, रेडिफ, ट्विटर तथा 5 उपभोक्ता चैनल सहित 'युदमीस' YDMS बन चुका है, उसे राष्ट्रवादी विकल्प के रूप में सार्थकता प्रदान कर, आप अपना दायित्व निभाएंगे। जो भटके है, राह पर आएंगे। सच्चे देश प्रेमियों से ऐसी आशा ही नहीं, विश्वास भी है। -तिलक 
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'युदमीस' समूह के सभी सूत्र यहाँ हैं- 
www.yugdarpan.simplesite.com 
ओबामा ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित विश्व के कई भागों में दशकों तक अस्थिरता बनी रहेगी और अल कायदा एवं आईएसआईएस से अमेरिका को सीधा संकट है। 
- 9910774607, 7531949051 
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक
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Friday, December 11, 2015

Image result for सुब्रमण्य भारतीमहान राष्ट्रकवि सुब्रमण्य भारती, 133 वीं जयन्ती 
सुब्रमण्य भारती, சுப்பிரமணிய பாரதி ரஷ்ற்றகவி, 
जन्म दिवस 11 दिसं 2015  न दि 
बात चाहे साहित्य की हो या राजनीति की, गद्य की हो या पद्य की, तमिल की हो या अंग्रेजी की, सुब्रमण्य भारती का कोई सानी दृष्टी में नहीं आता। भारत के महान कवियों में सुविख्यात भारती ने मात्र साहित्य के क्षेत्र में ही अपना बहुमूल्य योगदान नहीं दिया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी उन्होंने अपना परचम लहराया। महाकवि भारती अथवा महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जुड़े सेनानी, समाज सुधारकपत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे। जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, श्री अरविंद और वीवीएस अय्यर जैसी शीर्ष नायकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत को दासत्व की बेड़ियों से बाहर निकालने का प्रयास किया। 
Image result for सुब्रमण्य भारतीआधुनिक तमिल साहित्य का जनक और केंद्र बिंदु, सुब्रमण्य भारती गद्य और पद्य लेखन में काफी परिपक्व थे। उन्होंने कई लघु कथाएं भी लिखी थीं। उन्होंने तमिल कविता में एक नई शैली 'पुथुक्कविताई' अर्थात आधुनिक कविता की रचना की थी। तमिल सबसे मधुर भाषा करार देने वाले भारती ने, एक कविता लिखी थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि आज तक उन्होंने तमिल से मधुर भाषा नहीं देखी। भारती तमिल के साथ−साथ तेलुगु, बंगाली, हिन्दी, संस्कृत, फ्रेंच और अंग्रेजी में भी निपुण थे। 
तमिलनाडु के 'एट्टायापुरम' गांव में 11 दिसंबर 1882 को तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे सुब्रमण्य की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई। जब वह मात्र 11 वर्ष के थे, तो उन्हें एक कवि सम्मेलन में बुलाया गया और जहाँ उन्होंने कविता पाठ से प्रभावित किया। मेधावी छात्र होने के नाते वहां के राजा ने उन्हें ‘भारती’ की उपाधि दी। 1898 में वे उच्च शिक्षा के लिये बनारस चले गये। आगामी चार वर्ष उनके जीवन में ‘‘खोज’’ के वर्ष थे। बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् 1900 तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और भगिनी निवेदिताअरविंद और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। 
जहां तक सुब्रमण्य के पत्रकारिता जीवन की बात है, तो वह भी अपने आप में काफी गौरवशाली रहा। भारती ही देश के एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने पहली बार अपने समाचारपत्र में प्रहसन और राजनीतिक कार्टूनों को स्थान दिया।भारती ने स्वतंत्रता संग्राम में बहुत ही  महत्वपूर्ण योगदान दिया था और कई बार जेल यात्रा भी की थी। भारती जब पांडिचेरी में थे तो उन्होंने श्री अरविंद के साथ मिलकर काम किया था और वे दोनों बड़े अच्छे मित्र थे। जीवन के हर क्षेत्र में अपना महत्व रखने वाले भारती का देहांत, बड़े ही मार्मिक ढंग से हुआ। वास्तव में, जिस हाथी को वह प्रति दिन चारा खिलाया करते थे, उसी ने उन्हें कुचल दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और इस घटना के कुछ ही दिनों बाद 11 सितंबर 1921 को उनका देहांत हो गया। 
प्रमुख रचनाएँ  ‘स्वदेश गीतांगल’ (1908) तथा ‘जन्मभूमि’ (1909) उनके देशभिक्तपूर्ण काव्य माने जाते हैं, जिनमें राष्ट्रप्रेम् और ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति ललकार के भाव स्पष्ट हैं। एक कविता में भारती ने ‘भारत का जाप करो’ की राह दी है।
तुम स्वयं ज्योति हो मां,
शौर्य स्वरूपिणी हो तुम मां,
दुःख और कपट की संहारिका हो मां,
तुम्हारी अनुकम्पा का प्रार्थी हूं मैं मां।
(डॉ॰ भारती की कविता ‘मुक्ति का आह्वान’ से)
‘एक होने में जीवन है। यदि हमारे बीच ऐक्य भाव नहीं रहा, तो सबकी अवनति है। इसमें हम सबका सम्यक उद्घार होना चाहिए। उक्त ज्ञान को प्राप्त करने के बाद हमें और क्या चाहिए?’
हम दासत्व रूपी धन्धे की शरण में प़डकर, बीते हुए दिनों के लिए मन में लिज्जत होकर, द्वंद्वों एवं निंदाओं से निवृत्त होने के लिए; इस गुलामी की स्थिति को (थू कहकर) धिक्कारने के लिए ‘वंदे मातरम्’ कहेंगे। 
काश ! तमिल अपने प्रेरणा पुञ्ज से प्रकाशित हो कर, अपनी ऊर्जा को जागृत कर, 
जड़ों को सुदृढ़ करे। उस राष्ट्र भक्त की जयंती का यही सच्चा उपहार होगा। युगदर्पण 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर
हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Tuesday, November 17, 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। 
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9910774607, 01125835525.
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Wednesday, December 31, 2014

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं;

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; 
নববর্ষ, નવા વર્ષની, New Year, ಹೊಸ ವರ್ಷದ, പുതുവർഷം, नवीन वर्ष, 
புத்தாண்டு, న్యూ ఇయర్, ਨਵਾਂ ਸਾਲ, نئے سال
(गुलामी के संकेत/हस्ताक्षर, जो मनाना चाहें)
उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; 
चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें
घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; 
आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; 
विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " 
भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, 
हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! 
इन्ही शुभकामनाओं के साथ, 
जनवरी 2015, ही क्यों ? वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, 
भवदीय... तिलक 
संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. YDMS 07531949051. 

उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत ! 

नकारात्मक मीडिया के भ्रम के जाल को तोड़, सकारात्मक ज्ञान का प्रकाश फैलाये। 

समाज, विश्व कल्याणार्थ देश की जड़ों से जुड़ें, युगदर्पण मीडिया समूह के संग।। YDMS

      जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 
Join YDMS ;qxniZ.k हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से
पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में विशेष प्रस्तुति 
     विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 नेट चेनल  अन्य सूत्र) की

        70 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान। -तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS  07531949051, 9999777358, 9911111611

যুগদর্পণ, યુગદર્પણ  ਯੁਗਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ,

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