बुरा ना मानो होली है:
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मोदी को रोकने के लिए चौकड़ी का कुचक्र। (होली का विशेष उपहार।)
नई दिल्ली।। यदि इन बातों में सत्य का दर्पण मिले, इसे मात्र एक संयोग माना जाये -सम्पादक।
नई दिल्ली।। यदि इन बातों में सत्य का दर्पण मिले, इसे मात्र एक संयोग माना जाये -सम्पादक।
मोदी की बढती लोकप्रियता व कांग्रेस की हार को निश्चित जान सत्ता में सेंध लगाने में, एक नया कुचक्र चला गया है, जिसकी आशंका युगदर्पण को पहले ही थी। मीडिया के सर्वेक्षण व आंकलन के बाद यह जान कर कि कांग्रेस का सफाया निश्चित हो गया है, एक नयी योजना रची गई है। इस योजना के अंतर्गत मीडिया यह प्रचारित करेगी कि मीडिया व केजरीवाल में ठन गई हैं, जिससे उसे नायक बना कर दिल्ली पर थोपने का दाग भी धोया जा सके तथा टी आर पी भी बड़ सके। नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री न बने, केजरीवाल फिर नायक बने इसके लिए चर्चा के केंद्र में लाये जा सके। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का समझौता दर्शाने की अटकलें भी दर्शाने का प्रयास किया जायेगा। इससे मीडिया दोहरा लक्ष्य भेदने का प्रयास करेगी, एक तो भाजपा की जगह केजरीवाल को लाने का प्रयास सफल हो, दूसरे मीडिया की भद्द पिटने से बचाई जा सके।
कांग्रेस के आतंरिक सूत्रों के अनुसार एक दशक से अधिक मीडिया, झूठे गवाहों व केन्द्रीय जाँच एजेंसियों, विश्वस्त पत्रकारों के माध्यम मोदी को रोकने में असफल रहे। अमेरिका ने मैग्सेसे द्वारा फिलिपींस पर नियंत्रण को आधार बना अन्य देशों को हथियाने हेतु मैग्सेसे पुरस्कार आरम्भ किया। यह पुरस्कार भारत में कई लोगों को देने के बाद 'भारतीय मैग्सेसे' केवल एक केजरीवाल मिला। उसे पहले सीआईए के असीमित कोष से फोर्ड के माद्यम गैर सरकारी संग., बाद में राजनैतिक दल के रुपमे, धन दिया गया। नवपाखंड चैनलों में नायकत्व प्रदान कर पद सुरक्षित किया जायेगा, पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री पद हेतु। धोखेवाल तथा कांग्रेस के उपाध्यक्ष के बीच आगामी चुनाव को लेकर एक गुप्त समझौता हुआ है, जिसमें कांग्रेस अपना छूटता शासन मोदी के पास न जाये; धोखेवाल के मार्ग को सरल बनायेंगे, जीतकर धोखेवाल कांग्रेस की भद्द नहीं पीटेंगे।
Remove C4, Save Bharat, C4 मिटाओ, भारत बचाओ बंगाल में सी.पी.एम. पहले ही सत्ता को खो चुकी है दिल्ली में इसके लिए कभी स्थान रहा ही नहीं। कांग्रेस के विकल्प में भाजपा को रोकना है, जैसे फ़िल्मी नायक नकली गुंडों को हरा कर नायिका प्रेमजाल में फंसता है, कांग्रेस को गालियाँ देकर के धोखेवाल दिल्ली के हितरक्षक का पाखंड कर प्रचार पाता है। सत्ता पाने के बाद जनहित के प्रस्ताव न लाकर लोकपाल बिलको जानबूझकर अवैध ढांड से लाकर सत्ता त्याग का बहाना बनाना, दूसरों पर आरोप बाधा कड़ी कर दी गई है।
यह पूर्व नियोजित चाल थी, कांग्रेस के एक सूत्र ने भी नाम न छापने की शर्त पर इस समाचार की पुष्टि की है।जैसा नायकत्व 10 वर्ष पूर्व सोनिए को मिला, देश हम कुछ बोल न सके। मीडिया का पाखंड प्रचार इस बार केजरीवाल के लिए चालू है। तब 5 -10 वर्ष उसके पाप हम देख ही नहीं पाएंगे। देखिये आआपा के पाप ।http://aapaurpaap.blogspot.in/2014/03/blog-post_16.html
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये।
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक