देश की मिटटी की सुगंध, भारत चौपाल।
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभा । निर्विघ्नम् कुरु में देव सर्व कार्येषु सर्वदा । आज गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर विघ्न विनाशक श्री गणेश जी का आह्वान करने के साथ ही परमपिता परमात्मा से प्रार्थना व् कामना करते हैं कि भारत का खोया गौरव एवं स्वर्ण काल पुनः लौटे व् इसके मार्ग की सभी विघ्न बाधाएं दूर हों । इस निमित्त इस अवसर पर भारत चौपाल का शुभारम्भ करते हुए इसमें आप सभी भारत प्रेमी प्रज्ञावान सद्पुरुषों का स्वागत हैं ।
भारत चौपाल जैसा नाम से ही स्पष्ट है, देश की मिटटी से जुड़े लोगों का चौपाल है। कभी विश्व गुरु रहे भारत को उसी स्थान पर पुनर्प्रतिष्ठित करने का स्वप्न संजोये भारतियों के लिए यह एक मंच है। इसी दिशा में महाचर्चा के मध्यम इसका सूत्रपात करने जा रहे हैं। इस निमित्त कुछ सूत्र प्रस्तुत हैं-:
(गणेश चतुर्थी के दिन हमारे दूसरे ब्लॉग पर प्रकाशित पोस्ट की प्रति )
देश की मिटटी की सुगंध--देश की मिटटी से जुडे लोगों का मंच.-- नई तकनीक स्वीकारने के साथ ही विश्व को भारत की वो सौगात /उन महान मूल्यों की रक्षा, हर हाल करना, व्यापक मानवीय आधार है। द्वार खुले रखने का अर्थ अँधानुकरण/प्रदुषण स्वीकारने की बाध्यता नहीं। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें।संपर्क सूत्र https://t.me/ydmstm - तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, संपादक युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 9971065525, 9911111611, 9540007991
देश की मिटटी से जुडे लोगों का मंच.-- नई तकनीक स्वीकारने के साथ ही विश्व को भारत की वो सौगात /उन महान मूल्यों की रक्षा, हर हाल करना, व्यापक मानवीय आधार है। द्वार खुले रखने का अर्थ अँधानुकरण/प्रदुषण स्वीकारने की बाध्यता नहीं। (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें।संपर्क सूत्र -तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358
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Tuesday, October 21, 2008
Monday, October 20, 2008
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