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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Sunday, March 31, 2013

वैचारिक क्रांति का सूत्रपात, कुचक्रों से घिरा राष्ट्र जागे !

वैचारिक क्रांति का सूत्रपात, कुचक्रों से घिरा राष्ट्र जागे 
हुँ ओर से लपटों में झुलसते राष्ट्र को बचने की चिंता केवल भारत के सच्चे सपूतों को ही होगी। अन्य तो मात्र पाखंड ही करेंगे। हमें भारत को उन लपटों से बचाना भी है, और उस पाखंड को भी खंड खंड करना है।
      केवल राजनैतिक, आर्थिक या सुरक्षा का मामला ही नहीं, सारी व्यवस्था, पूरी सोच राष्ट्र भाव तथा सांस्कृतिक गौरव से विहीन, लुंज पुंज होने के पीछे आधुनिकता के नाम पर मैकाले वाद तथा पाश्चात्य शैली का अँधा अनुसरण है। स्थिति जितनी व्यापक व भयावह है, चुनौती उतनी ही बड़ी है। इसका उतना ही व्यापक व गहन तथा लम्बा उपचार भी करना होगा । 
  सारी स्थिति व चुनौती को समझने एवं उपयुक्त उपचार के लिए युगदर्पण की सोच को जानने समझने यह लेख तथा व्यापक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS देखें, बस आवश्यकता है इसके अनुरूप सोच व समर्पण से युक्त जुझारू सशक्त लेखकों के समूह की तथा इसे जन जन तक पहुँचाने की। 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व तना ही व्यापक अन्य सूत्र का महाजाल जिसकी एक वैश्विक पहचान है। इस सोच व संघर्ष के साथी बन आप इनमें लिख भी सकते हैं व इसके लेख E मेल से पा भी सकते है तथा उन्हें पुनर्प्रकाशित भी कर सकते हैं। हमारे 5 चैनल का विवरण लेख के अंत में है। तथा सभी 28 ब्लाग के "नए रूप" का पूरा विवरण अगले 4 दिन में विस्तार से मिलता रहेगा। जिके Book Mark या Custom Link Renew बदल गए हों; वे वेब से विविध विषयों के Link ले कर नए Book Mark बना सकते हैं, या ब्लाग में सीधे जुड़ सकते हैं।। 
जिसके 28में से एक ब्लाग राष्ट्र दर्पण के पृष्ठों में देश के विभिन्न राज्यों की स्थिति के बारे में क्षेत्र अनुसार अंकित विस्तृत जानकारी इस लेख में है। हमारे अन्य सूत्र (लिंक)http://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=1562547998781675205

http://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#pages में आप पाएंगे 
1) पूर्व भारत के राज्यhttp://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=7234313184600869469 --
पूर्व के ये द्वार खोले उषा की किरणों हेतु, आतंकी काले साये- फिर कहाँ से आए ?
असम, बंगाल, उड़ीसा, सप्त द्वार (सिक्किम, अरुणांचल, मणिपुर, मेघालय, मिज़ो, नागालेंड, त्रिपुरा) 
..........क्या पूर्वोत्तर भारत का यह सत्य झुठलाया जा सकता है ?.........
2) पश्चिम भारत के राज्यhttp://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=1419492129237308499 --
आक्रान्ताओं की तलवारों के वारों को झेला व रोका
पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा व द्वीप समूह.
3) उत्तर भारत के राज्यhttp://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=2736568412854865036 --
मुकुट में भी आग लगी हो, नींद हमें कैसे आ जाये ?
जे.के., हिम.प्र., उत्तरा.खं., हरयाणा, चंडी., दिल्ली, उ.प्र.
4) दक्षिण भारत के राज्यhttp://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=2049083574967429477 --
भाषा न जाने, दिल को पहचाने
आन्ध्र.प्र., कर्ना., केरल, तमिलनाडु, पांडी., अं. नि. द्वीपसमूह. 
5) मध्य भारत के राज्यhttp://draft.blogger.com/blogger.g?blogID=1452973826612011101#editor/target=page;pageID=892471322916054448 --
राष्ट्र के ह्रदय प्रदेश 
मध्य प्र., छत्तीसगढ़, बिहार, झाड़खंड 
हमारे चेनल: दूरदर्पण, ग्रन्थ ज्ञान दर्पण, दूरदर्पण मनोरंजन, देश समाज दर्पण, जीवन रस दर्पण, 5 youtube चेनल:- दूरदर्पण चैनल: विविध विषयों के भाग (18 PlayList)--; ग्रन्थज्ञानदर्पण चैनल: धर्म, ग्रन्थ ज्ञान, विज्ञान, मनोविज्ञान, योग, स्वास्थ्य, चिकित्सा, ज्योतिष, दर्शन शास्त्र, और तत्वज्ञान व बौद्धिक ज्ञान का दर्पण--; दूरदर्पण मनोरंजन: स्वस्थ मनोरंजन के साधन हेतु दूरदर्पण की प्रस्तुति दूरदर्पण मनोरंजन चैनल; देश समाज दर्पण चैनल: देश, समाज, इतिहास, परम्पराएं, व्यवस्था, राजनीति, कृति, संस्कृति सभ्यता, पर्यावरण और पर्यटन धरोहर का दर्पण --; जीवन रस दर्पण चैनल: काव्य, साहित्य, कला, प्रतिभा, क्रीडा, मनोरंजन, गीत, संगीत, कृति, प्रस्तुति, जीवन के मेले का दर्पण -- कृप्या प्रतिक्रिया दें | आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्व पूर्ण है  इस से संशोधन और उत्साह पाकर हम आपको श्रेष्ठतम सामग्री दे सकेंगे | धन्यवाद -तिलक संपादक 9911111611, 9999777358.
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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं | -तिलक संपादक
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Sunday, March 24, 2013

होली की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें,

होली की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें, 
सभी क्षेत्रवासियों, प्रदेशवासियों सहित देश विदेश में बसे समस्त हिन्दू समाज को होली की हार्दिक बधाई, युगदर्पण परिवार YDMS की ओर से हार्दिक शुभकामनायें, 

वन्देमातरम, होली पारंपरिक प्रेम से मनाएं, पारंपरिक पर्वों को अरूचिकर बनाने के विदेशी कुचक्रो से, अभद्रता व नशे को नहीं, सादगी व सोम्यता को अपनाएं। अपनी संस्कृति अपनी धरोहर से राष्ट्र तथा राष्ट्र से ही हम हैं। आधुनिकता फैशन या परम्परा नकारने में नहीं, परम्पराओं  को आधुनिक धरातल देने में है। अपनी संस्कृति के आधुनिक रक्षक बने, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS परिवार में आप भी जुड़ें:- 
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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Monday, March 11, 2013

ऐ दिल तूँ हताश न हो !

ऐ दिल तूँ हताश न हो !
देश की वर्तमान दुर्दशा से कई बार कई मित्र हताश हो जाते हैं 
चल सभ्यता की ढहती दीवार से हम कहीं दूर चलें ये कहते हैं मित्रो,
                     ऐ दिले बेकरार तू हताश न हो के ये दिन डूब गया, 
                     रात भर का है मेहमान अँधेरा किसके रोके रुका है सवेरा 
दूर जाकर भी जब चैन नहीं पाया तब मेरे मित्र बताओ कहाँ जाओगे, 
अच्छा या बुरा जैसा भी है समाज मेरा है सुधारना ही लक्ष्य है मेरा; 
घर किराये का नहीं है मेरा अपना ही, साफ करने का सोचना है मुझे,
सोने की चिड़िया के पर नोच दिए दुष्टों ने, दवा इसको लगाना है मुझे। 
-तिलक YDMS, 9911111611. 
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||" युगदर्पण
see

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http://pratibhaprabandhanparinatidarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html

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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Friday, March 8, 2013

मान्यता धरोहर ज्ञान विज्ञान शैली: ये ब्लाग देखें

मान्यता धरोहर ज्ञान विज्ञान शैली: ये ब्लाग देखें
धर्म संस्कृति:- http://www.dharmsanskrutidarpan.blogspot.com/ 
ज्ञान विज्ञान:- http://www.gyaanvigyaandarpan.blogspot.com/ 
जीवन शैली:- http://www.jeevanshailydarpan.blogspot.com/ 

पर्यटनधरोहर:- http://www.paryatandharohardarpan.blogspot.com/
श्री राम सेतु: 
हाल ही में केंद्रीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसने रामसेतु के मुद्दे पर गठित यह आर.के. पचौरी समिति की रिपोर्ट को सेतु समुद्रम परियोजना को गंभीर तथ्यों के आधार पर लेने के विचार को निरस्त कर दिया है। आर.के. पचौरी समिति की रिपोर्ट ने सेतु समुद्रम को न केवल आर्थिक और पारिस्थितिक अलाभकारी परियोजना करार दिया था और यहां तक ​​कि श्री रामसेतु के इतर एक अन्य वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया है। इस समिति के इतर, कई विशेषज्ञों ने रामसेतु विध्वंस के साथ भारत के समुद्र में उपलब्ध कई मूल्यवान प्राकृतिक संपदा के नष्ट होने की शंका व्यक्त की व इसके कारण सूनामी का भी बढ़ सकता है, किन्तु इन सभी सुझावों की अनदेखी करके सरकार सेतु गिराने पर तुली हुई है।
   इस के अतिरिक्त, रामसेतु न केवल भारतीय संस्कृति और धर्म का अपितु भारत के अस्तित्व का भी एक अभिन्न अंग है। प्राचीन शास्त्रों में भारत के आकार को 'आसेतु - हिमाचल' कहा जाता है जिसका अर्थ है कि यह देश इस सेतु से हिमाचल तक फैला है। यदि सेतु वहाँ नहीं है तो भारत की पहचान का एक प्रतीक खो जाएगा।
यूपीए सरकार भारतीय संस्कृति के कई प्रतीकों/मानदंडों को नष्ट करने में लगी हुई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और हास्यास्पद है कि 5 वर्ष पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र में कहा था कि राम ऐतिहासिक नहीं है। हालांकि यह जनाक्रोश का सामना करने पर वापस लिया गया था। इस तरह के अनावश्यक प्रश्न श्री राम जनम भूमि के संबंध में भी उठाये जाते रहे है।
विडंबना यह है कि रावण के देश यानी श्रीलंका की सरकार आधिकारिक तौर पर भगवान राम को ऐतिहासिक मानती है और उनसे संबंधित स्थानों की सुरक्षा/संरक्षित करती है और अपनी राम के देश की सरकार की सोच यह है। जब भारत प्रत्यक्ष विदेशी शासन के अधीन था, श्री राम और रामसेतु पर हमले का इस तरह प्रयास, नहीं किया गया था। जो बात 'अंग्रेज़ और औरंगजेब' करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था, संप्रग सरकार करने पर तुली है।
यह सरकार का तर्क है कि 800 करोड़ खर्च किया जाने के बाद सेतु समुद्रम परियोजना को आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा लगता है कि इस सरकार ने पैसे के लिए अपनी ईमानदारी और गरिमा को कम किया है। और अब पैसे केलिए भगवान राम तक को बेच देने का प्रयास कर रही है। सभ्यताओं की महिमा का प्रतीक पैसे के लिए नहीं बदलते हैं।

भाजपा का यह स्पष्ट मत है कि यदि वह सत्ता में आती है, यह पचौरी समिति की सिफारिशों को स्वीकार करेंगे। चाहे सेतु समुद्रम परियोजना के लिए एक वैकल्पिक मार्ग लिया जा सकता है या इस परियोजना को खत्म कर दिया जाना होगा हम किसी भी कीमत पर श्री रामसेतु का विध्वंस नहीं किया जाएगा क्योंकि यह 
करोड़ों हिंदुओं की आस्था से संबंधित एक मुद्दा है। श्री रामसेतु एक राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने और इसे पाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व विरासत घोषित करने के लिए प्रयास करेंगे।

हिंदुत्व और अल्पसंख्यक:
हिंदुत्व:
हिंदुत्व एक मुद्दा है जिसके लिए भाजपा को अपने विरोधीयों द्वारा लक्षित किया जाता है।:
हिंदुत्व क्या है एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं। अगस्त 2009 में प्रसिद्ध लेखक लिसा मिलर के एक लेख 'हम सब हिंदू हो रहे हैं' प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका न्यूज वीक में लिखा था।  यह इस लेख में लिखा गया है कि करोड़ों अमेरिकी लोग शाकाहारी भोजन, योग, ध्यान, हर्बल दवा की दिशा में तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। और इतना ही नहीं इस लेख के अनुसार भगवान को पाने के, पूजा के एक से अधिक ढंग, विचार और मार्ग के प्रति आकर्षण, और पुनर्जन्म की स्वीकार्यता भी अमेरिका में बढ़ रही है। तो अनजाने में अमेरिका के लोगों में हिंदू मूल्यों के प्रति रुझान बढ़ रहे हैं। लेख से स्पष्ट है कि हिंदुत्व एक संप्रदाय नहीं है, यह जीवन की एक शैली है, जो किसी भी व्यक्ति जीवन के विभिन्न आयामों को प्रभावित करती है। 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने निर्णय में यह स्पष्ट कर दिया है कि हिंदुत्व न एक धर्म और न ही एक संप्रदाय है, अपितु एक जीवन शैली है।
दोस्तों, यह एक जीवन -शैली है, जिसमे न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए शांति और अहिंसा का संदेश दिया गया है। यह जिसने विश्व को बुद्ध और गांधी दिया है। यह जीवन की शैली है कि जिसमे अकेले धर्म या मानव तो क्या, जीवित और निर्जीव प्राणियों में भी समान रूप से देवत्व देखते है। एकात्म मानववाद के रूप में पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित भी, जो हमारी राजनीतिक विचारधारा है, भारतीय संस्कृति के इन शाश्वत मूल्यों का समकालीन स्पष्टीकरण देती है।

हिंदुत्व और अल्पसंख्यक:
दोस्तों, हिंदुत्व यह जीवन की शैली है कि जिसके कारण विश्व में सभी धर्मो का अस्तित्व है। भारत विश्व में एकमात्र देश है जहां न केवल सभी धर्मों अपितु उनके सभी संप्रदायों के लोग पाए जाते हैं। मेरी जानकारी के अनुसार इस्लाम में 72 फिरके हैं। यहां 72 फिरके के अनुयायियों के लोग हैं। ईसाइयों के बीच न केवल रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट, सातवें दिन धर्मान्तरण अपितु पूर्वी रूढ़िवादी और सीरियाई चर्च भी भारत में पाए जाते हैं। यदि पूरे विश्व में कोई जगह है जहां यहूदियों तो नहीं सताया गया यह भारत है। पारसी आज भारत में ही पाए जाते हैं। इसलिए भारत के इस मिश्रित समाज का आधार हिंदुत्व है और हम हमारी इसी विचारधारा से प्रेरणा ले कर आगे बदें।
 भारतीय जनता पार्टी ने समाज में धर्म और जाति के आधार पर कभी सौतेला व्यवहार नहीं किया है। इस धारणा से प्रेरित होने के नाते पार्टी के एक कार्यकर्त्ता के रूप में मैंने सदा मेरे मन में यह भाव रखा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में, जब मैंने मुख्यमंत्री निवास में समाज के विभिन्न वर्गों की पंचायतों का आयोजन किया तो मैंने अरबी और फारसी मदरसों की पंचायतों का भी आयोजन किया।
विश्व के ज्ञात इतिहास में एकमात्र देश है और यह जीवन की शैली है कि जिसके कारण भारत ने अन्य देशों पर जीत कर भारत में शामिल करने या केवल उन्हें दास बनाने की चाह में कभी आक्रमण नहीं किया। यह जीवन की शैली है जो किसी एक व्यक्ति को विश्व के देशों को जीतने के लिए प्रेरित नहीं करती है, अपितु लोगों के दिल को जीतने के लिए प्रेरित नहीं करती है। हिंदुत्व के संबंध में भाजपा की धारणा स्पष्ट है जो कि हमारे सम्माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने 1950 में एक युवा नेता के रूप में व्यक्त किया था।

"हो कर स्वतन्त्र मैने कब चाहा, मैं कर लूँ जग को गुलाम,
मैने तो सदा सिखाया है, करना अपने मन को गुलाम,
भू - भाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय,
हिंदू तन -मन,  हिंदू जीवन, रग रग हिंदू मेरा परिचय। "

भारत के भविष्य के लिए केवल भाजपा क्यों ?:
दोस्तों, भारत युवाओं का एक देश है और 21 वीं सदी में हर युवा भारत को एक महान देश के रूप में देखना चाहता है। कांग्रेस का गठन आजादी के पहले 19 वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा किया गया था और कांग्रेस ने 20 वीं सदी में अपने को चरम पर देखा, किन्तु भाजपा का यह गठन 20 वीं सदी में आजादी के बाद किया गया था और जब भारत ने 21 वीं सदी में प्रवेश किया अटल जी के नेतृत्व में भारत का नेतृत्व भाजपा के हाथ में था। दोस्तों, 20 वीं सदी कांग्रेस की थी और 21 वीं सदी  भाजपा की होगी।
हम सभी जानते हैं कि आजादी के बाद जब कांग्रेस सत्ता में आई तो इसने पराधीनता की सभी व्यवस्था को बनाये रखा है। भारत को कभी भी गुलाम मानसिकता से बाहर नहीं आने दिया है। हम हमारे राजनीतिक और आर्थिक दर्शन में कभी रूस और अन्य समय कभी अमेरिका की नकल करते रहे। अंग्रेजों की हम पर थोपी इस दास मानसिकता के कारण हमने अपनी पारंपरिक ज्ञान और विज्ञान की अनदेखी करना जारी रखा। आज विश्व भर में यह कहा जा रहा है कि भारत में विश्व की 'बौद्धिक पूंजी केंद्र' बनने की क्षमता है।परन्तु क्षमता के इस वास्तविक स्त्रोत को समझने की क्षमता केवल भाजपा में है।
मैं यह सब कुछ राजनीतिक पूर्वाग्रह के कारण नहीं, बल्कि तथ्यों के आधार पर कह रहा हूँ। आप सभी के हाथ में अपने मोबाइल फोन है और हम संचार क्रांति के युग में रह रहे हैं। यह सच है कि यह सब भारत ने पश्चिम से सीखा है। हमने यह सीखने के बाद विशेषज्ञता प्राप्त किया है, किन्तु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमने विश्व को क्या दिया है? हम विश्व के लिए एक नई तकनीक देने में सक्षम है ? मुझे विश्वास है कि हम पूरी तरह से ऐसा करने में सक्षम हैं। किन्तु आजादी के बाद भी एक लंबे समय तक सत्ता में होने के बाद मौलिक वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा में कांग्रेस ने कभी ध्यान नहीं दिया। और वास्तविकता यह है कि जो एक मौलिक वैज्ञानिक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करता है, विश्व का नेतृत्व करता है। आज विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका, जो परमाणु बम की खोज करने के बाद एक महाशक्ति बन गया है।
भारत में भी कुछ इस तरह का करने की क्षमता है। दोस्तों, मैं भौतिकी का एक छात्र रहा हूँ तो मैं मौलिक भौतिकी में किये गये प्रयोग की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ।
हम सभी जानते हैं कि मोबाइल से इंटरनेट और टीवी सभी डिजिटल सिग्नलों के आधार पर कार्य करते हैं। यह डिजिटल संकेत बनाना तब संभव हो गया, जब सौ साल पहले क्वांटम मैकेनिक्स की खोज की थी । क्वांटम मैकेनिक्स का उदगम जिस वर्नर हाइजेनबर्ग द्वारा प्रतिपादित  'अनिश्चितता के सिद्धांत' के माध्यम से हो पाया गया था, यदि हाइजेनबर्ग अनिश्चितता के सिद्धांत को प्रतिपादित नहीं करता, तब यह क्वांटम मैकेनिक्स नहीं आता जिससे वर्तमान संचार क्रांति आई, नहीं आ सकता था।
हाइजेनबर्ग ने अनिश्चितता का यह सिद्धांत इस देश के वैदिक दर्शन से सीखा। हाइजेनबर्ग 1929 में भारत आया और रवींद्र नाथ टैगोर से भेंट की थी। इस बैठक में उसने टैगोर के विभिन्न वैदिक दर्शन और सैद्धांतिक भौतिकी से संबंधित विषयों पर विचार - विमर्श किया। हाइजेनबर्ग के सहायक और ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक Fritj of Capra ने अपनी पुस्तक 'असामान्य बुद्धि' में कोई पृष्ठ 42-43 पर स्वयं लिखा है,"1929 में हाइजेनबर्ग ने प्रसिद्द भारतीय कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के अतिथि रूप में भारत में कुछ समय बिताया है। जिनके साथ उसने विज्ञान और भारतीय दर्शन के बारे में लंबी चर्चा की थी। भारतीय विज्ञान के इस परिचय से हाइजेनबर्ग ने दिव्य दृष्टि पाई। उसने मुझे बताया कि सापेक्षता, परस्पर जुडाव, मान्यता और भौतिक वास्तविकता के मुलभुत पक्षों, के रूप में नश्वरता, जो स्वयं के और उसके साथी के लिए इतना कठिन था, अनस्थिरता भौतिकविदों, भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का आधार था, अब वह स्पष्ट होने लगे है।  ।उन्होंने कहा, 'कुछ विचार जो कि बुद्धि से परे लगते थे 'टैगोर के साथ इन वार्तालापों के बाद अचानक और अधिक विवेकमय लगने लगा। यह मेरे लिए एक बड़ा सहयोग था।
और यूरोप की सर्न प्रयोगशाला में गत वर्ष जुलाई में भगवान के कण को खोजा गया, जिनका वैज्ञानिक नाम हिग्स बोसॉन है। यह 21वीं सदी की सबसे बड़ी वैज्ञानिक खोज माना गया है। और यह कहा जा रहा है कि इस खोज से 21 वीं सदी के मानव जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। एक समान सिद्धांत से प्रेरणा लेने के भारत के महान वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस के द्वारा 70-80 वर्ष पहले स्थापित किये गये आधार पर इस कण को खोजा गया था। इस कण के नाम में 'बोसॉन' शब्द सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम से लिया गया है। एस.एन. बोस के बारे में यह कहा जाता है कि वह सदा ध्यान की अवस्था में रहते थे और जिससे वैज्ञानिक समस्याओं को तत्परता के साथ हल कर लेते थे। प्रसिद्ध वैज्ञानिक नील बोह्र ने भी बोस की इस क्षमता को स्वीकार किया था।
इसका अर्थ यह है कि आज के डिजिटल क्रांति का मूलभूत सिद्धांत हमारे पास था और भविष्य की क्रांति के मूलभूत सिद्धांत भी हमारे पास है। औपनिवेशिक मानसिकता के चलते बनी नीतियों के कारण हमने कभी 'विज्ञान के मूलभूत अनुसंधान' पर नहीं ध्यान दिया। और यह सोचने में भी हमें डर लगता है कि इन मौलिक शोध में हमारे पारंपरिक ज्ञान के आधार है।
जब हम सत्ता में आयेंगे तो हम मौलिक विज्ञान और भारतीय विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देंगे। हम मौलिक विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में हमारे पारंपरिक ज्ञान के वैज्ञानिक पक्ष के अनुसंधान को भी बढ़ावा देंगे।  21वीं सदी में विश्व का नेतृत्व करने की भारतीय क्षमता केवल तब सामने आयागी, जब मौलिक विज्ञान और मूलभूत प्रौद्योगिकी हमारे अपने होगे।
हम मौलिक विज्ञान में अनुसंधान के द्वारा नए स्वदेशी प्रौद्योगिकी निर्माण कर सकते हैं। रक्षा के क्षेत्र में हम इस तकनीक के माध्यम से हथियार बनाने में आत्मनिर्भर बन सकते है।  इसलिए हमारी वरीयता अन्य रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा। यह रक्षा को सुदृद बनाने के साथ और करोड़ों डॉलर की  बचत के लिए होगा।
हम कहने का अर्थ यह है कि विश्व को भारत के योगदान के रूप में देखे जा रहे, आयुर्वेद योग और पर्यावरण संरक्षण तो है। गणित और विज्ञान के क्षेत्र में भी विश्व को नै खोजें देने की क्षमता भारत के पारंपरिक ज्ञान के है गुलामी के काल में हम भूल गए थे।
गुलामी के काल में गठित कांग्रेस, उस गुलामी मानसिकता से बाहर आने में असफल रही है। इसलिए विश्व स्तर पर भारत की वास्तविक क्षमता स्थापित करने का आत्म विश्वास कांग्रेस में कभी था ही नहीं।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि हम सत्ता में आते हैं तो भाजपा के पास वह दृष्टी है जो उसे विश्व के बौद्धिक पूंजी का केंद्र और उससे भी आगे यह भारत को फिर से जगतगुरू स्थापित कर सकते हैं।

वैकल्पिक अर्थव्यवस्था:
हम सभी ने 20 वीं सदी के अंतिम दशक में साम्यवाद का पतन देखा है और 21वीं सदी के प्रथम दशक में  पूंजीवाद हीनता है आज इस सदी में ही विश्व को एक नई वैकल्पिक अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है। उस विकल्प का आधार केवल भारत के पास है। हमें यह समझने की आवश्यकता है। इस विकल्प के आधार भारत द्वारा विश्व के इतिहास में दी गई दो सबसे बड़ी विरासत, भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी के विचारों में निहित है। जबकि बुद्ध ने कहा 'सम्यक विचार' और 'सम्यक कर्म' अर्थात बुद्ध के राजनीतिक और आर्थिक दर्शन मध्य मार्ग का है। कि किसी भी विचार के चरम दृश्य में नहीं ले जाना है -चाहे वह पूंजीवाद या साम्यवाद है। पं दीनदयाल उपाध्याय व दत्तोपंत ठेंगडी के आर्थिक दर्शन का आधार भी यही था।
पश्चिम उन्मुख विकास के दोष में केवल भारत नहीं बल्कि विश्व विभिन्न जटिल समस्याओं से घिरा।

उपभोक्तावाद के अतिरेक से बचते है, बचने की उपयुक्त प्रवृति को बढ़ाते प्रकृति के साथ संतुलन बनाते हुए, सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए, हमारे नैतिक मूल्यों की रक्षा करने वाली एक नई स्वदेशी अर्थव्यवस्था हमारे आर्थिक विकास का वैकल्पिक प्रारूप होगा। यह वैश्वीकरण का विरोध नहीं होगा, किन्तु उसके दोषों को सुधारने का प्रयास होगा और पूरे विश्व को एक नई दिशा देने के लिए काम करेंगा।

तो 21वीं सदी के लिए भाजपा की दृष्टि है: 
** वैकल्पिक प्रारूप व्यय नहीं बचत के आधार पर वैकल्पिक आर्थिक विकास
** मौलिक विज्ञान में अनुसंधान
** आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन
** पारंपरिक भारतीय ज्ञान में अनुसंधान (जैसे जैविक खेती एवं आयुर्वेद)
** 'भारत को विश्व की बौद्धिक एवं कृषि राजधानी बनाने के लिए
** तब यह गरीबी और बेरोजगारी उन्मूलन के साथ भारत विश्व में एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरेगा। ** भारत को मानव जीवन के उच्चतम मूल्यों के जिन प्रतीकों के लिए भगवान राम, कृष्ण भगवान से लेकर बुद्ध और महात्मा गांधी के रूप में जाना जाता है, उन को स्थापित किया जाएगा।

और भी हैं... इक्कीसवीं शताब्दी हमारी होगी: भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक 2 -3, मार्च 2013 , पूरा पदें http://yuvaadarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html
http://raashtradarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html

मान्यता धरोहर ज्ञान विज्ञान शैली: ये ब्लाग देखें
धर्म संस्कृति:- http://www.dharmsanskrutidarpan.blogspot.com/ 
ज्ञान विज्ञान:- http://www.gyaanvigyaandarpan.blogspot.com/ 
जीवन शैली:- http://www.jeevanshailydarpan.blogspot.com/ 

पर्यटनधरोहर:- http://www.paryatandharohardarpan.blogspot.com/

आर्थिक संकल्प मुद्रास्फीति की दर और भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की पहचान । पूरा पदें, 
सम्बद्ध वीडियो देखें :
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=-xhUX3Moubc
2) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=GCHwfRKsFIw#!
3) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=3DR3WO0EfPg
4) 
राजनैतिक प्रस्ताव यूपीए प्रधानमंत्री रूप में डा. मनमोहन सिंह के और श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में अनियंत्रित भ्रष्टाचार को परिभाषित यूपीए सरकार। पूरा पदें, वीडियो 
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=EkoSiWy2YNY
2) http://www.bjp.org/index.php?option=com_content&view=article&id=8598:points-made-shri-m-venkaiah-naidu-while-intervening-in-debate-on-political-resolution&catid=68:press-releases&Itemid=494

आर्थिक प्रस्ताव पूरा पदें,/ 
वीडियो https://www.youtube.com/playlist?list=PL8Z1OKiWzyBH5cYSl-5k2QwQ-UT5oyRRH
राजनैतिक प्रस्ताव पूरा पदें,/ 
वीडियो https://www.youtube.com/watch?v=CiK-iG_mFL4&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=52

विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक

देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण (शेष भाग)- राष्ट्रीय परिषद की बैठक, नई दिल्ली,

2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण (शेष भाग)- राष्ट्रीय परिषद की बैठक,  नई दिल्ली,
अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने अवैध बांग्लादेशी आप्रवासियों के निर्वासन की मांग की और हिंदुत्व के पक्ष में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके पक्ष में जीवन का एक रास्ता के रूप में फैसले को बरकरार रखा था और उनका कहना है कि यह हिंदू ही है जो 'वसुधैव कुटुम्बकम' में विश्वास कर (विश्व एक परिवार है) सबको गले लगाता रहा है
2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण (राज नाथ सिंह day 1) - राष्ट्रीय परिषद की बैठक, सुरक्षा व अन्य
(जनता से सीधे जुड़े अन्य मुद्दों पर सीधे वीडियो देखें,: राज नाथ सिंह अध्यक्षीय भाषण 2 मार्च 2013-  https://www.youtube.com/watch?v=LYgKW66f7_8&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=48)
सभी वीडियो राष्ट्रीय परिषद-  https://www.youtube.com/playlist?list=PL07E4C2D4718D3CC6
समस्याओं का पिटारा व अन्य वर्ग: औद्योगिक क्षेत्र ठप्प, बेरोजगार व असंतोष में अपराधों, आतंक व नक्सलवाद से जुड़ता दिशाहीन युवा। अटलजी के नेतृत्व में राजग शासन से मिले भरे भण्डार व देश के प्राकृतिक संसाधनों को खाली करने में लगे घोटालों की सरकार व भ्रष्ट शासन ने, विश्व महाशक्ति की दिशा में बदते कदम को आर्थिक कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार की बेड़ियों से जकड़ दिया। आज भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक विकास की दर राजग शासन के समय के 8/9 % से आधा से नीचे 4/5 % है, जबकि मुद्रा स्फीति दर 4/5 % से बढकर 8/9 % हो गई है। अमीर और गरीब के बीच की खाई बहुत तेजी से बढ़ रही है। जिसे खाड़ी, न्यूयॉर्क में बैठे लोगों द्वारा देखा जा सकता है, किन्तु नई दिल्ली में यह लोग देखने में असमर्थ हैं। गरीबों की आंखों के माध्यम से गरीबी के दर्द को देखने की तुलना में संवेदनशुन्य भारत सरकार 32 रुपये और 26 रुपये के आधार पर गरीबी रेखा के आँकड़े छुपाने में लगी हुई है।
आर्थिक दुर्दशा: किसान और दलित:
आँकड़े की ही बात करें तो इस देश के 58 % किसान गरीबी रेखा के आसपास रह रहे हैं। वित्त मंत्रालय की उच्च शक्ति समिति ने यह कहा था कि 98 % उद्योग असंगठित क्षेत्र में है किन्तु इस विशाल क्षेत्र में बैंक ऋण का 1.4 % ही जाता है। अर्थव्यवस्था के पीछे की सोच ऐसी है कि विकास का उजाला न केवल बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए, पितु गांवों, सड़कों पर रिक्शा चालकों, ढाबे में मजदूरों, किसानों को भी पहुंचता है होना चाहिए। कृषि पर निर्भर 70 % आबादी के देश में किसान एक बहुत दयनीय हालत में है। यूरोपीय संघ और अमेरिका अपने किसानों को भारी सब्सिडी दे रहे है। जबकि भारत, जो कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता है एक ऐसी आर्थिक नीति का अनुसरण कर रहा है जो कृषि क्षेत्र के लोगों को अन्य अनुत्पादक व्यवसायों में विस्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
यदि हम भारत को 21 वीं सदी में विश्व के अग्रणी देखना चाहते हैं, भारत में विश्व के अनाज उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है। भारत को केवल विनिर्माण, वित्तीय या बौद्धिक राजधानी नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि भारत में परंपरागत रूप से भौगोलिक, प्राकृतिक और मानव संसाधन है।
भारत विश्व में सबसे बड़ा, सबसे उपजाऊ और सबसे घनी आबादी वाला भूभाग है. इसलिए हमारी आर्थिक नीति को इस प्राकृतिक क्षमता के सन्दर्भ में रखकर बनाया जाना चाहिए।
भाजपा सुशासन: हमारी राज्य सरकारों ने कृषि क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। यह बात हमारे काम में परिलक्षित हो रही है।  जबकि गुजरात में हर किसान के पास एक मिट्टी की गुणवत्ता दिखाता कार्ड है। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भूजल का स्तर बड़ा है और सभी किसानों को मिट्टी कार्ड मिल गया है। मध्य प्रदेश में कृषि विकास दर 18.96 % के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक राज्य में 0% ब्याज पर किसानों के लिए ऋण संवितरण के अलावा अन्य और काम भी किये जाते हैं। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में हमारी सरकारों द्वारा किये कार्यों का विवरण हमारे मुख्यमंत्रियों द्वारा दिया जाएगा।
यदि हम सत्ता में आते हैं तो
  • हम न केवल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, अपितु उनकी आय का बीमा हो,  'कृषि आय बीमा योजना' को लागू करेंगे ।
  • हम खाद्य सुरक्षा विधेयक को और अधिक व्यावहारिक बनायेंगे और छत्तीसगढ़ के समान सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार होगा।
  • हम भूजल और सिंचाई की समस्या के उचित समाधान के लिए एक राष्ट्रीय जल नीति देंगे।
  • हम कृषि ऋण की नीति का पुनर्निर्धारण करेंगे।
  • हम दूध उत्पादन और डेयरी उद्योग को प्राथमिकता देंगे।
  • पंजाब और हरियाणा में जहां मिट्टी की उर्वरता में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण से कमी आई है, भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व उचित मुल्य पर उपलब्ध करायेंगे
  • हम गांव स्तर पर बिजली और पानी के लिए एक 'समेकित नीति' सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोगैस का उपयोग करने के लिए देंगे।
  • कृषि क्षेत्र में यथासंभव जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और स्वदेशी तकनीक जैसे चावल गहनता प्रणाली(एसआरआई) की तरह, गेहूं गहनता प्रणाली (श्रृंगार) की तकनीक, जिसमें कम पानी और जैव उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, के माध्यम से गेहूं और चावल के उत्पादन को बढ़ावा देने और जीएम प्रौद्योगिकी के बिना खेती की जाये, प्रारंभिक परीक्षणों में परिणाम बहुत उत्साह वर्धक कर रहे है, को लागु व प्रोत्साहित करेंगे। 
  • We will promote organic farming in agricultural sector as far as possible and promote production of rice and wheat through Swadeshi technology like System of Rice Intensification (SRI), System of Wheat Intensification (SWI) in which less water and organic fertilizers are used and cultivation is done without GM technology. The results are very encouraging in the initial tests.
अन्य वर्ग:
महिलाओं से अमानवीय अपराध में वृद्धि: 
इन जघन्य घटनाओं से दिल्ली व देश तड़प उठे। वर्मा कमेटी का गठन हुआ, उस पर रिपोर्ट आई। सरकार ने अध्यादेश भी जारी किया, देश के शांत होते ही सरकार शांत हो गई। अध्यादेश पर संसद में चर्चा कराने का सरकार के पास समय नहीं है। यदि हमें सत्ता में आने का अवसर मिलता है तो हम प्रयास करेंगे कि ऐसे अमानवीय अपराध में मृत्यु दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए। अकेले कठोर दंड नहीं, इस के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किया जाना होगा। सबसे पहले, पुलिस और प्रशासन के स्तर पर सक्रियता के साथ संवेदीकरण बढ़ाना। और दूसरी महिलाओं की भागीदारी से समाज में जागरूकता अभियान आयोजित करना । और तीसरे नैतिक शिक्षा और संस्कार में प्रशिक्षण देना आवश्यक बनाया जाना चाहिए।
युवा:
भारत आज पूरे विश्व के सबसे अधिक युवाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्जित कई उपलब्धियां/कीर्तिमानों  का सबसे युवा देश है। विश्व में सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्रों में भारतीय युवकों ने अपनी पहचान बनाई है। किन्तु एक अन्य वास्तविकता भी है कि भारत के युवाओं के दो तिहाई गांवों में रहते हैं। यह युवा जो सबसे बडे नक्सली प्रभाव के तहत आने वाले अनुभाग झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओड़िसा, आंध्र प्रदेश, बंगाल और बिहार के पिछड़े क्षेत्रों में गरीबी और बेरोजगारी के साथ संघर्ष कर रहा है। कहने का उद्देश्य है कि भारत में युवाओं की समस्या विविध है किन्तु सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। क्योंकि यह पहली समस्या है जो युवाओं को आसानी से अपराध और आतंकवाद की ओर खींचती है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में अधिकतम रोजगार सृजन राजग शासन के समय किया गया था और यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण बेरोजगारी में लगातार वृद्धि हुई है। युवाओं से जुड़ा हुआ एक अन्य पक्ष है, नैतिक मूल्यों में गिरावट का। दिल्ली सामूहिक बलात्कार के मामले में एक तरह से यह संकट दिखा भी है। समाज और सरकार के साथ हमें युवाओं को भारतीय और नैतिक मूल्यों के प्रति रूचि बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
भारत में शरणार्थी: शरणार्थी राहत और पुनर्वास नीति की कमी के कारण भारत आने वाले शरणार्थियों को अनिश्चितता के बीच जीना होता है। यदि हम को सरकार बनाने का अवसर मिलता है हम एक तर्कसंगत शरणार्थी नीति देंगे।

जम्मू और कश्मीर: जम्मू और कश्मीर के आतंकवादी संगठनों द्वारा पंचायत स्तर पर लोकतंत्र को नष्ट किया गया और विगत एक वर्ष में कई सरपंच मारे गए हैं। जम्मू और कश्मीर सरकार पंचायतों को आर्थिक सहयोग व सरपंचों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भी विफल रही है। आतंकवादी संगठनों ने सार्वजनिक रूप से सरपंचों को त्याग पत्र देने के लिए धमकाया है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा गया है, किन्तु यूपीए सरकार ने इस पर चुप्पी बनाए रखी है।
जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में 111 सीटें है जिनमें से पीओके निहित 24 सीटें खाली रहती हैं। इस रूप में मात्र 87 सीटों पर ही चुनाव आयोजित कर रहे हैं। हमें लगता है कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों से नामांकन के द्वारा इन 24 सीटों को भरने के लिए प्रावधान बनाया जाना चाहिए।

तेलंगाना और अलग राज्य के मुद्दे
तेलंगाना के गठन के लिए कई वर्षों से जन आंदोलन चल रहा है किन्तु यूपीए सरकार जान - बूझकर अनदेखी कर रही है।  तेलंगाना के गठन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने में केंद्रीय गृह मंत्री ने 28 जनवरी की समय सीमा निर्धारित की थी। फिर भी तेलंगाना का सपना आज तक साकार नहीं किया गया है। आभास लगाना कठिन नहीं है कि आंध्र प्रदेश की यह सरकार नक्सल समूहों और हैदराबाद में सक्रिय जेहादी समूहों के प्रति उदार है। यह तेलंगाना आंदोलन दबाने में कठोरता को देखा जा सकता है। तेलंगाना के लोगों की भावनाओं को हम समझते हैं और यदि केंद्र में राजग सरकार का गठन हुआ तो हम तेलंगाना राज्य के गठन के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे।
हमारी (राजग) राज्य सरकारें व सुशासन : :
यूपीए सरकार के अनैतिक भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से त्रस्त देश की जनता के लिए, इस संदर्भ में अटल जी के नेतृत्व में राजग सरकार की स्मृति स्वर्ण युग की स्मृति की तरह है। हमारी आज की राज्य सरकारों ने विकास और सुशासन की उस परंपरा को जीवित रखा व अनेक कीर्तिमान भी बनाये है।

छत्तीसगढ़:
राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कुशल वित्तीय प्रबंधन के कारण लगातार बढ़ रहा है। विकास दर के संदर्भ में छत्तीसगढ़ चार अग्रणीधावक राज्यों में से एक है। वर्ष 2009-10 में छत्तीसगढ़ की विकास दर 11.49 % थी, जो कि देश में एक वर्ष में सबसे अधिक है। कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विकास दर में भी छत्तीसगढ़ पाँच उच्चतम अग्रणी राज्यों के में एक है। हमारी सरकार के शासन के तहत प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 350 इकाईयों से बढ़कर प्रति वर्ष 1547 इकाई हो गई है।
खाद्य सुरक्षा कानून बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इस प्रदेश की जनसंख्या का 90 % इसके तहत भोजन और प्रोटीन सुरक्षा के लाभ पाता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में छत्तीसगढ़ ने देश के समक्ष एक भव्य उदाहरण दिया है।
http://bjp.org/images/pdf_2013/presentationversionfoodppt03.03.2013.pdf
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=V0I3ju11uog
कर्नाटक:
दोस्तों, दक्षिण भारत में पहली भाजपा सरकार कर्नाटक में बनी। कर्नाटक की भाजपा सरकार ने विगत चार वर्षों में कई अद्भुत काम किये है। आईटी और मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ, कृषि के क्षेत्र में भी कर्णाटक ने अब तक की उच्च विकास दर प्राप्त की। कृषि के क्षेत्र में वर्ष 2011-12 का अलग कृषि बजट तथा शून्य % दर पर किसानों को ऋण देने में कर्नाटक देश का पहला राज्य बन गया है। इस के लिए 2011 में कर्नाटक राज्य ने कृषि के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए 'राष्ट्रीय कृषि नेतृत्व पुरस्कार' प्राप्त किया।
रोजगार के लिए दक्षता विकसित करने के लिए कर्नाटक 'कौशल आयोग' का गठन करने वाला देश में पहला राज्य बन गया। हमें दृढ़ विश्वास है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के शानदार प्रदर्शन से फिर से अपनी सरकार बन जाएगी।

बिहार:
पूरा देश साक्षी है, बिहार में राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद जिस स्तर का परिवर्तन लाया गया। बिहार सरकार ने कुछ असाधारण कार्य किये है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 11.95% वृद्धि दर से बिहार सर्वोच्च रहा। यह पहला राज्य बन गया है जहाँ कृषि से संबंधित 18 विभागों के संयोजन के द्वारा एक कृषि कैबिनेट का गठन किया गया है। बिहार सरकार ने कृषि का जो मार्ग अपनाया है, इस कुशल कृषि नीति के माध्यम से नालंदा जिले में एक किसान ने चावल की प्रति हेक्टेयर 22 टन के उत्पादन से एक विश्व रिकॉर्ड की स्थापना की है।पहले यह रिकॉर्ड चीन के पास था।

पंजाब:
पंजाब की राजग सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि वे पिछली कांग्रेस सरकारों द्वारा बनाये गए अत्यधिक सांप्रदायिक वातावरण को सामान्य बनाने में सफल रही है। इसके साथ, विकास के कई नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। पंजाब सरकार ने कृषि उत्पादन की उनकी शानदार परम्परा को बनाए रखने के साथ, मूलभूत ढांचे और औद्योगिक विकास की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य शुरू किया है। इस कारण हमने पंजाब के इतिहास में पहली बार दूसरे कार्यकाल के जीत का अनुभव मिला है।

मध्य प्रदेश:
mar_3_2013_c.jpgमध्य प्रदेश सरकार ने विकास की एक नई गाथा लिखी है. प्रति व्यक्ति आय 3 गुणा हो गयी है और कृषि विकास दर ने 19 % के रिकार्ड स्तर को छुआ है। यह 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की क्षमता का गुजरात के बाद दूसरा राज्य हो गया है। मध्य प्रदेश सरकार की 'लाडली लक्ष्मी योजना' जैसे कुछ कार्यक्रम राष्ट्रीय चर्चा का विषय बने है। मध्य प्रदेश सरकार ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम दिया है, जो एक निश्चित अवधि में निर्णय सुनिश्चित करता है। सौ से अधिक सेवाओं का समूह इसके दायरे में लाया गया।  विश्व बैंक ने इस की प्रशंसा की है और संयुक्त राष्ट्र ने अच्छे प्रशासन के लिए मध्य प्रदेश सरकार को सम्मानित किया है। सरकार ने 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना' द्वारा एक अद्वितीय सांस्कृतिक पहल शुरू की है।
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=F_Z704yPlGYगोवा:
गोवा में भाजपा सरकार ने कई अन्य विकास कार्यों के साथ साथ बड़ी मूलभूत ढांचा परियोजनाओं को शुरू किया है। गोवा डीजल और पेट्रोल के मूल्य को कम करने वाला पहला राज्य है। यहाँ भी सक्रिय 'लाडली लक्ष्मी योजना' और 'गृह आधार योजना' जैसी योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ, राज्य के लगभग सभी लोगों को इलेक्ट्रॉनिक राशन कार्ड जारी किए गए हैं। सरकार 'नव कामधेनु सुधारित योजना' के माध्यम से दुधारू गायों की खरीद पर 90 % तक सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। मनोहर परिकर नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए, विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक को भी पारित कर दिया है।
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=yx9xxkEBoCU
गुजरात:
गुजरात सरकार द्वारा निर्धारित विकास के कार्यों की न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में प्रशंसा की जा रही है। गुजरात कुशल और पारदर्शी प्रशासन का एक उदाहरण बन गया है। यह हर किसी के लिए 24 घंटे बिजली और अब साफ पानी उपलब्ध कराने वाला प्रथम राज्य है। चूंकि विगत 11 वर्ष से कृषि विकास दर 10 % से ऊपर है। सभी किसानों के पास मिट्टी कार्ड हैं और 'चिरंजीवी योजना' जैसे कार्यक्रमों के द्वारा हर गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधा प्राप्त है।
गुजरात के कुशल प्रशासन की यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में भी प्रशंसा की जा रही है। गुजरात भाजपा के लिए गौरव का एक प्रतीक बन गया है।
तो हमारे सभी राज्य सरकारों ने सुशासन के नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं।
http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=iMOJLGLUzbQ

बूथ समिति:
भाजपा में एक बड़ा संगठन है. लेकिन यह जमीनी स्तर पर ले हम सब की जिम्मेदारी है. हम पहले से ही बूथ स्तर के लिए हमारे संगठन लेने के कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक विशिष्ट समय सीमा में सभी बूथ स्तरीय समितियों का गठन किया जाना चाहिए.
और भी हैं... इक्कीसवीं शताब्दी हमारी होगी: भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक 2 -3, मार्च 2013 , पूरा पदें http://yuvaadarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html
http://raashtradarpan.blogspot.in/2013/03/blog-post.html

मान्यता धरोहर ज्ञान विज्ञान शैली: ये ब्लाग देखें
धर्म संस्कृति:- http://www.dharmsanskrutidarpan.blogspot.com/ 
ज्ञान विज्ञान:- http://www.gyaanvigyaandarpan.blogspot.com/ 
जीवन शैली:- http://www.jeevanshailydarpan.blogspot.com/ 

पर्यटनधरोहर:- http://www.paryatandharohardarpan.blogspot.com/

आर्थिक संकल्प मुद्रास्फीति की दर और भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की पहचान । पूरा पदें, 
सम्बद्ध वीडियो देखें :
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=-xhUX3Moubc
2) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=GCHwfRKsFIw#!
3) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=3DR3WO0EfPg
4) 
राजनैतिक प्रस्ताव यूपीए प्रधानमंत्री रूप में डा. मनमोहन सिंह के और श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में अनियंत्रित भ्रष्टाचार को परिभाषित यूपीए सरकार। पूरा पदें, वीडियो 
1) http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=EkoSiWy2YNY
2) http://www.bjp.org/index.php?option=com_content&view=article&id=8598:points-made-shri-m-venkaiah-naidu-while-intervening-in-debate-on-political-resolution&catid=68:press-releases&Itemid=494

आर्थिक प्रस्ताव पूरा पदें,/ 
वीडियो https://www.youtube.com/playlist?list=PL8Z1OKiWzyBH5cYSl-5k2QwQ-UT5oyRRH
राजनैतिक प्रस्ताव पूरा पदें,/ 
वीडियो https://www.youtube.com/watch?v=CiK-iG_mFL4&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=52
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलकदेश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक