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Sunday, October 6, 2013

2008 में स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या के लिए दोषी 7 ईसाई

Wednesday, October 2, 2013

2008 में स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या के लिए 7 ईसाई दोषी ठहराए गए

पोस्ट: 1 अक्टूबर, 2013 04:00 पीडीटी 
युद.ओडिसा में प्राप्त सूचना के अनुसार, सोमवार को एक अदालत ने सात ईसाई, 5 वर्ष पूर्व 2008 में ओडिसा के कंधमाल जिले में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार सहयोगियों की हत्या के दोषी ठहराए, एक वकील ने सोमवार को कहा।
स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी के द्वारा किए जा रहे निष्काम समाज सेवा कार्यों से आदिवासी उनके भक्त बन रहे थे। ईसाइयों का धर्मान्तरण धंधा बंद हो रहा था। तभी ईसाइयों द्वारा स्वामी जी की हत्या के बाद स्थानीय लोग आवेश में आ जाते हैं, जिसे ईसाइयों पर हिन्दुओं का आक्रमण कह ओडिसा के चुनावों में हिन्दुओं के विरुद्ध वातावरण का कुचक्र रचा गया था।
5 वर्ष पूर्व स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी की हत्या का कुचक्र, हिन्दुओं के विरुद्ध वातावरण का कुचक्र, ईसाइयों को विदेशी मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण व कुचक्र रचने में भरपूर सहयोग की निष्पक्ष न्यायिक जाँच होनी चाहिए। साथ ही धर्म निरपेक्षता के नाम पर राष्ट्र द्रोहियों का समर्थन करने वाले शर्म निरपेक्ष चेहरे सामने आने चाहिए,  उनकी भी जाँच होनी चाहिए।
ओडिसा, ईसाई, धर्मान्तरण, राष्ट्रद्रोह, शर्मनिरपेक्ष, मिशनरी,
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शारदीय नवरात्रि 2013

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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Saturday, October 5, 2013

शारदीय नवरात्रि 2013

शारदीय नवरात्रि 2013
अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहत सभी देश वासियों को सपरिवार शारदीय नवरात्रों की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें - युग दर्पण परिवार YDMS 
 शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रों में सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण नवरात्रि है। शारदीय नवरात्रि महा नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। यह शारदीय  नवरात्रि शरद ऋतु के मध्य सितंबर या अक्टूबर के महीने में चांद्र मास अश्विन में पड़ता है। यही कारण है कि शारदीय नवरात्रि नाम शरद ऋतु से लिया गया है। नवरात्रि के मध्य सभी नौ दिन देवी शक्ति के नौ रूपों के लिए समर्पित रहते हैं। नौ दिन का यह उत्सव दसवें दिन दशहरा या विजया दशमी; असत्य पर सत्य की, दानवों पर देव की विजय पर रावण दहन के साथ समाप्त.होता है।
महिलायें, विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में, नवरात्रि के प्रत्येक दिन के लिए आवंटित (रंग) 9 विभिन्न रंगों के साथ स्वयं को सजाया करती हैं, जो प्रत्येक दिन एक ग्रह या नवग्रहों द्वारा शासित है और तदनुसार एक रंग प्रत्येक दिन को सौंपा जाता है। बंगाल में दुर्गा पूजा, उत्तर भारत में रामलीला, जागरण-कीर्तन और पश्चिम भारत में इस पर्व के मध्य गरबा-डांडिया की धूम रहती है
 शक्ति के रूप में दानवों का संहार करनेवाली शक्ति की युगों युगों से पूजा करने वाला यह समाज जिस मर्यादा का पालन करता है उसे व्यक्त करता है, यह गीत- हम न किसी का मुल्क चाहते हमें किसी से वैर नहीं; (साथ ही, हमारी यह भावना नपुंसकता का कारण नहीं हो, अगली पंक्ति उस पौरुष का प्रतीक है।) जो हम पर चढ़ कर आयेगा उस दुश्मन की खैर नहीं ।।
Happy Navratri 2013 Picturesशारदीय नवरात्रि को शक्ति पूजा का पर्व कहा जाता है—इसके पीछे दो कथाएं मुख्य रूप से प्रचलित हैं पहली है महिषासुर मर्दिनी से जुड़ी और दूसरी राम की शक्तिपूजा से पहली कथा के अनुसार आदिशक्ति दुर्गा ने इन नौ दिनों में युद्ध करके देवताओं को महिषासुर नामक राक्षस के आतंक से मुक्त कराया था महिषासुर नाम के राक्षस ने भगवान शिव की आराधना करके अपार शक्तियां प्राप्त कर ली थीं- उसने जल, थल और नभ र विजय पा ली थी ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी उसे हरा नहीं पा रहे थे सभी देवताओं ने आदिशक्ति की आराधना की, सभी ने उन्हें अपनी-अपनी शक्तियां दीं इसके बाद मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवताओं और इस ब्रह्मांड को सभी कष्टों से मुक्त किया
शारदीय नवरात्रि के महत्व के बारे में दूसरी कथा भगवान राम से जुड़ी है त्रेता युग में राम और रावण के बीच भयानक युद्ध चल रहा था प्राय: सभी बड़े योद्धा खोने के बाद रावण स्वयं मैदान में था राम पूरी शक्ति लगा कर भी रावण को हरा नहीं पा रहे थे रावण भगवान शिव का वरदान शिवभक्ति के अहंकार में डूबा था रावण के युद्धकौशल से राम का मन भी विचलित होने लगा, वो चिंतित थे तब श्रीराम को उनकी सेना के प्रमुख सेनापति जामवंत जी ने सुझाया—
कह हुए भानु-कुल-भूषण वहां मौन क्षण भर,
बोले विश्वस्त कण्ठ से जाम्बवान, "रघुवर,
विचलित होने का नहीं देखता मैं कारण,
हे पुरुषसिंह, तुम भी यह शक्ति करो धारण,
आराधन का दृढ़ आराधन से दो उत्तर  

जामवंत ने श्रीराम से कहा यदि रावण भगवान शिव की आराधना कर इतरा रहा है तो आप शक्ति की आराधना कीजिए. शिव के वरदान की काट शक्ति के अतिरिक्त किसी और के पास नहीं. और फिर भगवान राम ने 9 दिन तक आदिशक्ति दुर्गा की घनघोर आराधना की

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Wednesday, October 2, 2013

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकार

Monday, September 30, 2013

 नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकार

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकारजानिए क्‍या खास रहा नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में, नरेंद्र मोदी एक ओर दिल्ली के नेता दूसरी ओर नितिन गडकरी व सिद्धू आदि 

नई दिल्‍ली। भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने दिल्‍ली में एक भारी जनसभा को संबोधित किया, जिसमें अधिकतर लोग युवा वर्ग से थे। इस रैली में मोदी का भाषण सुनने के बाद कांग्रेस के कई नेता हलकान हैं। किसी की बोलती नहीं निकल रही है। मोदी ने अपने डेढ़ घंटे के भाषण में क्‍या कहा, उसके मुख्‍य बिंदु हम आपके लिये लेकर आये हैं। दिल्‍ली में भाजपा के पास विजय ही विजय हैं। विजय मल्‍होत्रा, विजय गोयल, आदि।  दिल्‍ली में कई सरकारें चल रही हैं, कहीं मां की सरकार तो कहीं बेटे की सरकार। साझा सरकार गणित से बनती है, किन्तु चलती केमिस्‍ट्री से है। कांग्रेसी दल पास-पास तो हैं, किन्तु साथ-साथ कतई नहीं हैं। अफसोस होता है कि हमारे प्रमं सरदार हैं, किन्तु असरदार नहीं हैं। 

दिल्‍ली की मुमं का कार्य सबसे सरल है। वो मात्र रिबन काटती फिरती हैं। कुछ बड़ा हुआ तो जिम्‍मेदारी केंद्र की, छोटा हुआ तो नगर निगम की। कॉमनवेल्‍थ घोटाला करके कांग्रेसियों ने देश का आत्मसम्मान लूटा है। उसने खेलों के आयोजनों में हमारे आने वाले भविष्‍य को छीन लिया है। सुप्रीम कोर्ट लगातार कांग्रेसियों के विरुद्ध निर्णय सुना रहा है, किन्तु ये लोग शराबी की तरह नशे में चूर हैं। संप्रग इस समय गांधी भक्ति में व्‍यस्‍त है। नोटों पर छपे गांधीजी की पूजा कर रही है। 

आज का युवा नौकरी चाहता है। राजग ने 6 करोड़ लोगों को रोजगार दिया था, जबकि संप्रग ने मात्र 27 को रोजगार दिया है। प्रधानमंत्री ओबामा के सामने अपने देश की गरीबी की 'मार्केटिंग' कर रहे हैं। उन्‍हें शर्म आनी चाहिये। प्रमं उसी फिल्‍म निर्माता की तरह काम कर रहे हैं, जो भारत की गरीबी पर फिल्‍म बनाता है और विदेशों में बेच कर अवार्ड ले आता है। देश जानना चाहता है कि नवाज शरीफ से आज हमारे प्रमं क्‍या कहेंगे। 

नवाज शरीफ आपकी औकात क्‍या है। आपने हमारे प्रमं को देहाती औरत कैसे बोला। हम घर के अंदर चाहे जितना लड़ें, किन्तु बाहर वाला हमारे ऊपर उंगली उठाये, यह हम सहन नहीं करेंगे। क्‍या प्रमं नवाज शरीफ से सैनिकों के कटे हुए सिर ला पायेंगे। यदि प्रमं के सम्मान का फलूदा बन रहा है तो वो मात्र कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष के कारण से। उन्‍होंने ही प्रमं की पगड़ी उछाली है। देश को अब 'डर्टी टीम' नहीं, 'ड्रीम टीम' की आवश्यकता है। संप्रग सरकार के पास कोई 'विजन' नहीं है। आप कोई भी बजट या योजना उठाकर देख लीजिये। 

मोदी को वर्षों से दो अंकों में गुजरात के आर्थिक विकास के साथ भाग्य बदलने का श्रेय दिया जाता है उसके गर्मजोशी से दिये भाषण सुनने के लिए उमड़े जन सैलाब में, उन लोगों ने मोदी का उत्साह पूर्वक स्वागत किया । कार्य क्रम में उपस्थित जनसमूह का एक बड़ा भाग उस वर्ग से था, जिसे सामान्यत भाजपा से काट कर देखा जाता है, अर्थात मुस्लिम व समाज के दलित  तथा युवा वर्ग तो दिविवि चुनाव में अभाविप के साथ खड़ा हो कर पहले ही प्रमाण दे चुका है। स्पष्टत:   कांग्रेस सभी वर्गों का विश्वास खो चुकी है तथा अब शीघ्र ही, दिग्विजय की श्रेणी के, कभी भी कुछ भी बक देने वाले वक्ता /प्रवक्ता हर ओर, हर बात के अर्थ का कुअर्थ बना कर देश का अनर्थ करने, सनसनी चेनलों व मीडिया में कूदते मिलेंगे। किन्तु नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक, व्यापक, विकल्प युग दर्पण मीडिया समूह, YDMS के पाठक जानते हैं, कि हमारे यहाँ ऐसी बकवास के लिए कभी कोई स्थान नहीं रहा है। क्योंकि हम किसी व्यक्ति, समूह या सत्ता के प्रति नहीं; राष्ट्र, समाज व सत्य के प्रति समर्पित हैं।  

सम्बद्ध समाचार ** नरेन्द्र मोदी की भाजपा के 'प्रधानमंत्री प्रत्याशी' के रूप में घोषणा होने के बाद उन्होंने चुनाव प्रचार कमेटी का अध्यक्ष पद त्याग  दिया है। मोदी के पद छोड़ने के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड ने राजनाथ सिंह को चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान सौंप दी।    

दिल्ली में मोदी की रैली को 20,000 मुसलमानों का समर्थन!. 

** अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियां कई बर्षो से मोदी के बारे में ब्यापक सूचनाए इक्कट्ठा कर रही है .. और उनके आकड़े तथा तथ्य हमेशा जमीनी हकीकत पर आधारित होते है .. अभी हाल की दिल्ली रैली के दौरान अमेरिकी इंटेलीजेंस बिभाग के बहुत से एजेंट पत्रकारों के भेष में मोदी की सभा का आकलन और प्रभाव का विश्लेषण करने आये थे   

India’s opposition Bharatiya Janata party (BJP) leader Narendra Modi waves to supporters as he arrives to address a public rally in New Delhi, India, Sunday, Sept. 29, 2013.  अजय माकन ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने एक पाकिस्‍तान के जर्नलिस्‍ट की झूठी खबर पर प्रतिक्रिया देकर देश के पीएम पद का अपमान किया है।                            ** ढ़ाई करोड़ लोगों को मोबाईल देकर संप्रग 2014 के लोकसभा चुनाव में क्‍या लाभ पा सकेगी, फिलहाल घोटाले और अक्षम  प्रशासन के कारण सरकार प्रश्नों के घेरे में है।  अपनी चुनावी रैली के मध्य हर जगह मनरेगा का जाप करने वाले राहुल गांधी ने एक बार फिर इसी योजना द्वारा सत्‍ता में वापसी का सपना सजा रखा है किन्तु इसका  उद्देश्य लोगों को रोजगार देना नहीं, बल्कि ढाई करोड़ लोगों को इंटरनेट उपयोग किये जाने में सक्षम मोबाइल दे वोट लेना है। इस योजना के अंतर्गत मनरेगा में पंजीकृत प्रत्‍येक परिवार के एक सदस्‍य को मोबाइल दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त दो वर्ष तक प्रति माह 30 रूपये का 'मुफ्त रिचार्ज' भी दिया जाएगा। जिस पर उपभोक्‍ता को प्रति माह तीस मिनट तक बात करने, 30 एसएमएस और 30 एमबीपीएस तक इंटरनेट उपयोग करने की सुविधा दी जाएगी।    कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोनिया गांधी के एक करीबी से नाराज हैं। कांग्रेस दो गुटों में बंट या है। एक गुट जो राहुल गांधी की टीम में है, जबकि दूसरी टीम सोनिया गांधी की है। बताया जा रहा है कि जब दागी नेताओं पर इस अध्यादेश को लाने के प्रयास चल रहे थे तभी राहुल कैंप के माने जाने वाले नेताओं ने इसके विरुद्ध बयान देना शुरू कर दिया था। संप्रग सरकार ने दागी नेताओं को राहत दी, किन्तु अब इस निर्णय के विरुद्ध कांग्रेस में ही गुटबाजी शुरु हो गई है। इस अध्यादेश को बकवास करार देते हुए राहुल गांधी ने उस प्रेस कान्फ्रेंस में खलबली मचा दी जिसे अध्यादेश के महिमामंडन के लिए ही रखा गया था। यह एक ऐसा फैमिली ड्रामा था, जिसे लेकर कांग्रेस में हैरानी थी, तो विरोधियों को हँसी आ रही थी। 

दागियों पर अध्यादेश के विरुद्ध राहुल का जलापा, प्रत्यक्ष रूप से उनकी अपरिपक्वता की ही निशानी था। केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार हो, मंत्रीमंडल उस अध्यादेश को स्वीकृति दे और ठेठ राष्ट्रपति तक अध्यादेश पहुँच जाए, तब तक राहुल अनजान रहें...यह आश्चर्यजनक नहीं, परंतु हास्यास्पद व नाटक ही लगता  है। मोदी की दिल्ली रैली से ठीक 48 घण्टे पहले राहुल द्वारा की गई इस ‘बकवास' ने सीधे-सीधे मोदी को एक मुद्दा दे दिया है।

दिल्ली में दहाड़ के बाद आज मुंबई में मोदी करेंगे हीरा कारोबारियों से मुलाकातमुंबई। देश की राजधानी दिल्ली में मोदी की विशाल रैली के सफल होने के बाद अब उनका अगला पड़ाव मायानगरी मुंबई है। दिल्ली में गर्जना के बाद आज भाजपा के प्रमं प्रत्याशी नरेंद्र मोदी मुंबई में हीरा व्यापारियों को संबोधित करेंगे। मोदी की ये रैली गैर राजनीति है। भाजपा के प्रमं प्रत्याशी बनने के बाद ये मोदी की पहली मुंबई यात्रा होगी। मोदी यहां डायमंड मर्चेट एसोसिएशन के डायमंड हाल का उदघाटन करेंगे। वास्तव में भाजपा समर्थको का तर्क है कि यदि मोदी को मिशन 2014 सफल करना है तो उन्हें आम आदमी से लेकर, कारपोरेट और राजनीतिक समर्थन प्राप्त करना होगा। पार्टी का मानना है कि मुंबई के इस गैर राजनीतिक कार्यक्रम से हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को एक साथ लाने में सहायता मिलेगी जो भाजपा के मिशन 2014 के लिए आवश्यक है। विशेषबात ये भी है कि मोदी सदा से सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते है। ऐसे में उन्हें आम लोगों के साथ-साथ व्यापारिक जगत को लेकर भी साथ चलना है। दिल्ली में दहाड़ के बाद मुंबई में मोदी हीरा व्यापारियों से भेंट करेंगे 

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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Tuesday, June 18, 2013

केन्द्रीय मंत्री मंडल में कांट छाँट

1) केन्द्रीय मंत्री मंडल में कांट छाँट 
केन्द्रीय मंत्री मंडल में की गई लीपा पोती से आशाएं ? कुछ लोग इससे बड़ी बड़ी आशाएं लगा कर बैठे हैं !
केन्द्रीय मंत्री मंडल के जिस परिवर्तन को नए चेहरे के रूप में इतना महिमा मंडित किया जा रहा है, उसका विश्लेषण करते हैं। कुल 8 चेहरे बदले गए 4 काबिना स्तर के व 4 राज्य स्तर के, जिनमे कोई भी 60 वर्ष से कम नहीं है।  क्या ये हैं, युवा नेता के युवा सहयोगी ?
क्या कभी कोयला धोने से सफ़ेद हुआ है ? पूरी की पूरी सरकार के 4 वर्ष के घोटालों को कैसे धोया जा सकता है?  इन मंत्रियों के बदलने से सरकार का चेहरा कैसे बदलेगा ? परिवर्तन के संकेत का आंकलन करते हैं। सीसराम ओला को जब हटाया गया था क्या कारण था ? चुनाव से पूर्व इसे लाकर मंत्रालय की कार्यक्षमता निखरेगी या बिगड़ेगी ? संप्रग 1 व 2 के घोटालों के दाग मिटने का तो कोई प्रश्न ही नहीं है अपितु अब न तो कार्य करने के लिए समय बचा है न घोटाले करने के लिए। मुझे हटा के मोटे 2 घोटाले तुम करो, दाग धोने के लिए मुझे बुला लो; क्या यह बात उसे और उद्विग्न नहीं करेगी ? बंसल पर आरोप लगे, उसे हटाकर मलिकार्जुन खड्गे को रेल मंत्री बना कर क्या सन्देश दे रहे हैं, कि बड़े बड़े घोटालेबाजों के बीच छोटे मोटे आरोप के मंत्री स्वीकार नहीं ? स्पष्ट है न मंत्रालय का कार्य सुधारना है, न सरकार की छवि। यह केवल और केवल वोट साधने /रिझाने का विशुद्ध रूप से राजनैतिक हत्कंडा मात्र है। कुछ क्षेत्रों में चुनाव देखते हुए चुनावी समीकरण के अंतर्गत जातीय गोटियाँ बिछाने को "किस भाषा में" सरकार का चेहरा चमकाना कहते हैं? यह मेरी समझ से तो परे है। कांग्रेस प्रवक्ता नदीम जावेद स्वयं स्वीकार करते है, कि चेहरा बदलने की बात नहीं है।
70 मंत्रियों के कुनबे में से शेष 62 में अधिकांश वही हैं जो बड़े बड़े घोटाले व अन्य आरोप लगने के बाद भी जमे है। यह तो तब है जब नेतृत्व म. मो. सिंह जैसा अनुभवी वयोवृद्ध व कथित योग्य व्यक्ति के हाथ में है। जब नेतृत्व उस हाथ में होगा, जो आयु, क्षमता, योग्यता व अनुभव हर स्तर पर, सबसे निम्नतम होगा, तो केवल परिवार के टैग लगाने से वह योग्य कैसे बन जायेगा ? कौन बनेगा कठपुतली, कौन किसे नचाएगा ? देश जब एक कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुभवहीन नेतृत्व का प्रयोग, कितना घातक होगा ? यह जानकर भी, लुटेरे सत्ता के गलियारों की बन्दगी से, चाँदी के कुछ ठीकरे पाने की आशा में, राहुल राहुल का जाप क्या राष्ट्र द्रोह नहीं है ? देश को ऐसे शर्मनिर्पेक्षों से बचाने की आवश्यकता है।
नितीश व प्रलय के संकेत कांग्रेस के लिए धर्म निर्पेक्षता की परिभाषा कोई विचारधारा नहीं पाले से है। कांग्रेस का विरोधी व भाजपा के पाले मे रह कर सांप्रदायिक होने वाला, भाजपा से हट कर इनके समर्थन में आते ही, धर्म निर्पेक्ष हो जाता है ? म. मो. सिंह ने भले ही पाला बदलने से, नीतीश को धर्म निर्पेक्ष कहा, किन्तु तभी प्रकृति ने प्रलय के आक्रोश से स्पष्ट संकेत दिया, कि यह कार्य प्रलयंकारी है, विनाशकारी है।
राज नीति गन्दी लगे तो उससे भागो मत, युवाओं में उसका शुद्धिकरण करने की क्षमता है उस क्षमता का उपयोग करो।  हमारी तो बीत गई, भविष्य तुम्हारा है, कैसा हो तुम्हे निर्धारित करना है - तिलक
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
 विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

नव महाभारत दर्पण

नव महाभारत दर्पण 

(YDMS की एक नई प्रस्तुति)

काल व आवश्यकता के अनुसार नए नए प्रयोग चलते रहते हैं, तदनुसार यह एक नया ब्लाग  है।
महाभारत 2014 की रणभेरी बजने को है। 
यह महाभारत द्वापर की महाभारत से कुछ हट कर है। समय के साथ साथ महाभारत में भी कुछ परिवर्तन दिखने लगे हैं।
पहले की महाभारत में गान्धारी ने अपनी आँखों पर पट्टी बांध रखी थी व स्वयं नियमों से बंधी थी। आज की गान्धारी जनसामान्य को नियमों से बाँधकर व उनकी आँखों पर कानून की तथा विचार बदलने हेतु मस्तिष्क पर भ्रामक प्रचार की पट्टी चढ़ा देती है।
पहले सभी कौरव बुरे नहीं थे, केवल दुर्योधन के समर्थन के अपराधी थे। आज दुर्योधन व गान्धारी के साथ सभी 100 कौरव अपने 200 हाथों से अपने ही देश को खोखला करने में लगे हैं। भीष्म केवल इंद्र प्रस्थ के कारण उनका साथ नहीं दे रहे, लूट में भागीदारी उन्हें भी मिल रही है। दूसरी ओर कृष्ण अभी दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि दोनों पक्षों की सेनाएं कुरुक्षेत्र में उतरने की तैयारी में हैं।
पहले गान्धार नरेश व गान्धारी को संजय कुरुक्षेत्र का आँखों देखा वर्णन सुनाते थे, अब हम जनता जनार्दन को सुनायेंगे।
अथ नव महाभारत कथा। यह कथा भी है यथार्थ की, मोदी के पुरुषार्थ की सारथि वो स्वयं बने और स्वयं ही है पार्थ भी, शत कौरवों के चक्र व्यूह को भेदना है राष्ट्र और हिंदुत्व के स्वाभिमान के रक्षार्थ ही। जय घोष द्विग्घोषित हुए, लाज भारत की है अब हर राष्ट्र भक्त के हाथ में। वोट लुटा तो देश लुटेगा  साथ में अस्तित्व भी।

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जय भारत 

इतिहास को सही दृष्टी से परखें। गौरव जगाएं, भूलें सुधारें।
आइये, आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा । तिलक YDMS
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
 विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक

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देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल | -तिलक संपादक

Friday, May 17, 2013

माँ तो बस माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है।

17, मई 2013 आज 18 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। माँ तो बस माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, .... अब मेरे दामाद सिद्धार्थ, बहु शालिमा व एक नन्हा नाती अद्विक भी हो गए; पर माँ, तेरी याद बहुत आती है।।  तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9910774607. 
,"कला वही जो मन को छू ले,विकृत हो तो विकार तुम्हारा!"-तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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