दिल से मिले दिल और खुशबू फैल गई |
13 नवंबर 2010 को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित , NATIONAL INSTITUE OF NATIONAL AFFAIRS ,प्रवासी टुडे के तत्वाधान में हिंदी संसार एवं नुक्कड ( सामूहिक ब्लॉग ) द्वारा आयोजित हिंदी ब्लॉग विमर्श सफ़लतापूर्वक ,संपन्न हुआ । अपराह्न तीन बजे से लेकर पांच बजे तक आयोजित सम्मेलन के मुख्य अतिथि , प्रवासी भारतीय कनाडा निवासी प्रमुख ब्लॉगर व साहित्यकार ,समीर लाल उर्फ़ उडनतश्तरी ( इनके ब्लॉग का नाम ) थे और विशिष्ट अतिथि के रूप में , प्रख्यात व्यंग्यकार श्री जनमेजय और विख्यात तकनीक विशेषज्ञ बालेन्दु दाधीच जी ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई । कार्यक्रम के संयोजक की भूमिका, साहित्यकार अविनाश वाचस्पति ( नुक्कड ,सामूहिक ब्लॉग के मॉडरेटर ) ने निभाई तो संचालन का जिम्मा अनिल जोशी ने, जो हिंदी संसार एवं अक्षरम् से जुडे हैं , ने सफलतापूर्वक संभाला । इनके अलावा सुश्री सरोज जी ने भी इस कार्यक्रम के संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।इस कार्यक्रम में दिल्ली एवं आसपास के लगभग चालीस ब्लॉगरों ने शिरकत की तो वहीं विख्यात मीडिया रिसर्च स्कॉलर और टेक्नीनिया इंस्टीच्यूट आफ मॉस कम्युनिकेशन के विभाग प्रमुख सुधीर रिंटन के नेतृत्व में लगभग पच्चीस मीडिया शिक्षार्थियों ने अपनी सक्रिय भागीदारी की । संगोष्ठी में हिस्सा लेने वाले ब्लॉगरों में सुश्री सुनीता शानू, डॉ वेद व्यथित ,सुरेश यादव , नारी सामूहिक ब्लॉग की मॉडरेटर सुश्री रचना , पाखी पत्रिका की उपसंपादक सुश्री प्रतिभा कुशवाहा और मयंक सक्सेना , के अलावा लगभग चालीस प्रसिद्ध ब्लॉगरों ,सतीश सक्सेना ,डॉ टी एस दराल , अरविंद चतुर्वेदी , एम वर्मा , रतन सिंह शेखावत , पद्म सिंह , नीरज जाट , शाहनवाज सिद्दिकी , विनोद पांडेय, राजीव एवं संजू तनेजा , तारकेश्वर गिरि , अजय कुमार झा , कनिष्क कश्यप , कौशल मिश्रा , नवीन चंद्र जोशी , मोहिन्दर कुमार , निर्मल वैद , पंकंज नारायण, दीपक बाबा , अपूर्वा बजाज के अतिरिक्त सुश्री रिया नागपाल,जो ब्लॉगिंग पर ही रिसर्च कर रही हैं , ने आभासी परिचय को प्रत्यक्ष अनुभव में बदलते हुए न सिर्फ़ एक दूसरे को जाना बल्कि ब्लॉगजगत के वर्तमान और भविष्य को लेकर आपस में विचार विमर्श भी किया ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अनिल जोशी ने , पहले तीनों माननीय अतिथियों को पुष्प गुच्छ प्रदान करवाते हुए उनका हार्दिक स्वागत किया । कार्यक्रम के प्रारंभ में , विख्यात मीडियाकर्मी एवं ब्लॉगर खुशदीप सहगल जी के पूज्य पिताजी के हाल हीं हुए निधन पर दुख प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखा । इसके पश्चात औपचारिक परिचय और संक्षिप्त विचार आदान प्रदान का दौर चला । स्वागत भाषण में अविनाश वाचस्पति ने कहा कि सार्थक ब्लॉगिंग आखिर है क्या, यही सवाल सबके सामने है। जहां तक मेरा विचार है कि ध्वस्त हो रहे जीवन मूल्यों, सामाजिकता, जनसेवा की भावना को पूरा रचनात्मक सकारात्मकता के साथ आपस में साझा करना, जिसके मानवता की बेहतरी की ओर तेज कदमों से आगे बढ़ा जा सके। । विशेष रूप से आमंत्रित तकनीक विशेषज्ञ बालेन्दु दाधीच ने अपनी बात रखते हुए हिंदी ब्लॉगिंग की वर्तमान स्थिति , रुझान , समस्याएं , सं भावानाओं आदि पर खुल कर बोलते हुए न सिर्फ़ ब्लॉगर्स को आंकडों की भाषा में बताया समझाया, बल्कि कई बारीकियों को भी साझा किया । बीच में बीच में अल्पाहार और चाय कॉफ़ी का दौर भी चलता रहा । गगनांचल और व्यंग्ययात्रा के संपादक प्रेम जनमेजय ने कहा कि वे इस क्षेत्र में नए हैं, इसलिए सबका साथ अपेक्षित है । प्रवासी भारतीय और हिंदी ब्लॉगिंग के सुपर स्टार माने जाने वाले अत्यधिक लोकप्रिय समीर लाल ने अपने मस्तमौला अंदाज़ में बोलते हुए न सिर्फ़ अपने अनुभव बांटे , बल्कि वहां मौजूद ब्लॉगरों एवं शिक्षार्थियों की जिज्ञासा का समाधान भी किया। सभी सहमत थे कि आने वाले समय में हिंदी ब्लॉगिंग एक बडी ताकत के रूप में उभर कर सामने आ रहा है । इसलिए ब्लॉगिंग करने वाले हर ब्लॉगर को एक जिम्मेदारी का स्वत: अहसास होना चाहिए । लगभग तीन घंटे तक चली इस संगोष्ठी में सौहार्दपूर्ण वातावरण में सभी ने ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की । वर्षांत पर और कई संगोष्ठियों के आयोजन की सूचना अजय कुमार झा ने दी है
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