देश की मिटटी से जुडे लोगों का मंच.-- नई तकनीक स्वीकारने के साथ ही विश्व को भारत की वो सौगात /उन महान मूल्यों की रक्षा, हर हाल करना, व्यापक मानवीय आधार है द्वार खुले रखने का अर्थ अँधानुकरण/प्रदुषण स्वीकारने की बाध्यता नहीं(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करेंसंपर्क सूत्र -तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358

YDMS चर्चा समूह

आ.सूचना,

: :आ.सूचना,: सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार Delhi होगा। हमारे ब्लाग पर प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संपादक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक/संपादक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। अनैतिक,अश्लील, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी, धर्म/सम्प्रदाय विरोधी, मिथ्या, तथा असंवैधानिक कोई भी सामग्री यदि प्रकाशित हो जाती है। यदि कोई भी पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं व तत्काल संचालक/संपादक मंडल को सूचित करें तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी एवम लेखक सदस्यता भी समाप्त करदी जाएगी।: : "भारतचौपाल" पर आपका हार्दिक स्वागत है.इस ब्लॉग पर अपनी प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाये भेज सकते हैं,रचनाएँ स्वरचित है इसका सत्यापन कर ई-मेल yugdarpanh@gmail.com पर भेजें ,ये तो आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद: :

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Monday, May 24, 2010

कम्प्यूटर और स्वावलंबन

कम्प्यूटर और स्वावलंबन

म्पूटर आज के समय का सर्वाधिक विश्वसनीय व् महत्वपूर्ण उपकरण है जिसपर हम पूर्णतया निर्भर करते हैं! सर्च इंजन से कुछ भी खोज सकते हैं मात्र एक संकेत पर ! मदारी ने कुछ चमत्कार दिखलाय, (पहले के मदारी तो खेल करतब से मनोरंजन कर दो समय की रोटी की भीख मानता था) हमारे देश के नेताओं ने देश का भविष्य ही मदारी के हाथों सौंप दिया! कभी वायरस, कभी हेकिंग, कभी गुप्त जानकारी से बेंक से खाता खाली! कुछ दिन पूर्व नोएडा पुलिस का नेटवर्क जो विदेशी संचित था बंद हो गया था! संभवत: यह पुराभ्यास था इस देश को ठप्प करने का, अथवा इस धमकी से कुछ मनवाने का प्रयास! अब हम आगे बड़ते हैं -हमने खोजना चाह भारत योग संस्थान, हमें उसके स्थान पर 3 प्रकार के परिणाम विदेशों के योग क्लब , कई प्रकार के संसथान भारत पेट्रोलियम से लेकर भारत के वेश्यालयों तक की जानकारी मिलेगी! अब आप भारत योग संसथान पंजीकृत कर पुन: खोजना चाहें निश्चित नहीं है खोज पाना ! कई बार हम अपनी ही साईट खोलने हेतु पासवर्ड डालते है- आपका पासवर्ड स्वीकार नहीं होता आपको कहा जाता है आप पासवर्ड भूल गए हैं आपके दुसरे पते पर नया अवसर आपको दिया जाता है यदि अन्य पता नहीं है तो ?.. आपको दास बनाने वाले मुक्ति के सभी मार्ग बंद कर देते हैं ! एक है कम्पूटर का ज्ञान कोष विकिपीडिया एक बार उसका अनुभव लिया मेटाविकी कई विषयों पर कई भाषाओँ पर अपनी भाषा देखने की उत्सुकता जगी तो पाया विश्व के कई ऐसे देश जिनका नाम भी नहीं जाना जाता उनकी भाषा, नेपाली तक में मेटा विकी है किन्तु हिंदी में नहीं! विश्व की महाशक्ति बनने के प्रयास में हर छोटे बड़े देश की धमकी सुनते सुनते हम मेटा विकी हिंदी में नहीं कर पाए !

चलिए राष्ट्र निर्माण का प्रयास करते हैं ! अपनी बात सर्व सहमती की होनी चाहिए, इस विषय पर अन्य विद्वानों के विचार जानने के लिए विषय अंकित कर बटन दबाया कई लेखकों की सूचि मिली, विषय विवरण पड़कर धीरज बंधा की हमारे विचार से मेल खाता है ! ज्ञान बंटोरने लगे तो सभी अमेरिका के राष्ट्र निर्माण की बात करते मिले! अँगरेज़ कहते थे भारत कभी एक राष्ट्र नहीं था अब अमेरिका व् मैकाले की अनुचित संतानों को पुष्टि मिल गई ! पराश्रित विकास क्रम में कभी भी नीचे से सीडी खिंच सकती है किन्तु स्वावलंबी धीरे चले तो भी विजय निश्चित, निर्बाध है !
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,आजभी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है! आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल!

No comments: